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हटाए गए दैवेभो की वापसी, प्रापर्टी की चौहद्दी का कागज, मौत के बाद वारिस बनाने के लिए रिश्वत… तीन एसीबी के फंदे में

छत्तीसगढ़ के एंटी करप्शन ब्यूरो ने पिछले 24 घंटे में छत्तीसगढ़ के सूरजपुर और सक्ती जिलों में एक आरआई, एक क्लर्क और एक पटवारी को रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ा है। इनमें से तहसील के एक बाबू को हाथी से हुई मौत का मुआवजा देने के लिए वारिस किसे बनाकर वन विभाग में कागज भेजने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत के साथ पकड़ा गया। पटवारी को जमीन की चौहद्दी तय करने के लिए रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, नौकरी से हटा दिए गए एक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी की बहाली के एवज में आरआई 50 हजार रुपए की रिश्वत रंगे हाथों पकड़े गए।

एसीबी से मिली जानकारी के मुताबिक सूरजपुर की प्रतापपुर तहसील में पटवारी मोगेंद्र प्रताप सिंह ने एक व्यक्ति से उसकी संपत्ति की चौहद्दी तय करने के लिएए 15 हजार रुपए मांगे थे। संबंधित व्यक्ति ने जैसे ही रकम पटवारी को दी, मौके पर मौजूद एसीबी टीम ने उसे दबोच लिया। इसी तहसील में पदस्थ क्लर्क बृजभान सिंह ने एक व्यक्ति से 10 रुपए मांगे, जिसके पिता को हाथी ने कुचलकर मार डाला था। क्लर्क ने वन विभाग को यह जानकारी भेजने के लिए पैसे मांगे थे कि हाथी से कुचले गए व्यक्ति का वारिस संबंधित व्यक्ति ही है। क्लर्स को भी एसीबी ने पैसों के साथ पकड़ा। इसके कुछ गंटे बाद सक्ती जिले में आदिवासी विकास विभाग के मंडल निरीक्षक संदीप खांडेकर को एसीबी टीम ने 50 हजार रुपए की रिश्वत के साथ दबोच लिया। दरअसल आदिवासी छात्रावास के इलेक्ट्रिक बोर्ड को अज्ञात लोगों ने तोड़ा था, जिसमें एक दैनिक वेतनभोगी को कार्रवाई करते हुए हटा दिया गया था। इसकी बहाली के लिए आरआई ने 50 हजार रुपए मांगे थे। उसे भी रिश्वत के नोटों के साथ एसीबी ने पकड़ा। सभी को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ केस रजिस्टर किया गया है।

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