काले पहाड़ की काली गुफा… छोटा सा द्वार और भीतर बड़ा मैदान… पानी का पूरा इंतजाम, आक्सीजन भी भरपूर… पहली बार घुसी फोर्स, वीडियो से खुलासा

क्या आपने छत्तीसगढ़ में काला पहाड़ और उसमें मौजूद काली गुफा का नाम सुना या देखा है। न सुना होगा, न देखा होगा क्योंकि बहुत सारे लोग पहली बार इसके बारे में जान रहे हैं। काली गुफा और उसके भीतर एक हजार लोगों के आराम से छिपने का यह राज कुछ वायरल वीडियो से खुल रहा है। ये वीडियो सिपाहियों के हैं, जो नक्सलियों के सबसे बड़े और पुराने गढ़ यानी बीजापुर में कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों की घेराबंदी में लगे हैं। करीब 70 वर्ग किमी इलाके को 10 हजार जवानों ने घेर रखा है, क्योंकि इन्हीं जंगल-पहाड़ों में हिड़मा समेत नक्सलियों का पूरा आर्डर घिरा हुआ है, ऐसा माना जा रहा है। यहीं आगे बढ़ती फोर्स काले पहाड़ पर पहुंच गई है, जहां नक्सलियों का गढ़ होने की वजह से कोई आता-जाता नहीं था। इस काले पहाड़ पर गुफा मिली है, जिसे काली गुफा कहा जा रहा है। इस गुफा में कई जवान घुसे हैं और भीतर कुछ नक्सलियों की मौजूदगी के संकेत भी मिल रहे हैं।
द स्तम्भ काली गुफा के अस्तित्व में होने की पुष्टि नहीं करता, क्योंकि यह किसी सरकारी एजेंसी की खोज नहीं है। सिपाहियों के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें वे इस गुफा के बारे में बता रहे हैं। वीडियो के मुताबिक- काले पहाड़ के ऊपरी हिस्से में बेहद सुरक्षित जगह पर यह गुफा है। इसकी एंट्री ज्यादा बड़ी नहीं है। टार्च वगैरह के साथ कुछ मीटर भीतर जाएंगे, तब इसकी विशालता का अंदाजा लगता है। गुफा के भीतर बड़ा सा मैदान है और पानी के स्त्रोत नजर आ रहे हैं। जगह इतनी है कि तकरीबन एक हजार लोगों के छिपने के लिए पर्याप्त है। संकरा द्वार है, लेकिन एक-दो जगह गुफा में इस तरह का वेंटिलेशन है कि थोड़ी लाइट के साथ काफी आक्सीजन भी आ रहा है। इन जवानों का मानना है कि भीतर काफी लोगों की मौजूदगी के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन लगता है कि वे गुफा से निकलकर ठिकाना बदल चुके हैं। इस काली गुफा या काले पहाड़ पर कोई रहस्यमयी कहानी पूरे इलाके में प्रचलित नहीं है। फोर्स का आपरेशन खत्म होगा और खोज करनेवाले काले पहाड़ पर इस गुफा तक जाएंगे, तभी पता चलेगा कि वास्तव में यह क्या है। वैसे बस्तर गुफाओं के लिए फेमस है। कुटंबसर गुफा का नाम तो आपको पता ही होगा, जहां भीतर पानी की धारा में अंधी मछलियां मिलती हैं, जो दुनिया का अजूबा है। इसके अलावा कैल्शियम युक्त पानी के सैकड़ों साल से टपकने की वजह से छत से नीचे की ओर स्तम्ब जैसी संरचनाएं हैं, जो शोथकर्ताओं को आकर्षित करती हैं।