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रूम आन रेंट…नशे के लिए छापे मारे तो कई परिसरों से निकले ढेरों युवक-युवतियां

बालिग थे इसलिए वेरिफाई कर छोड़ा, लेकिन रेंट पर रूम का ट्रेंड रोकेगी पुलिस

रायपुर पुलिस ने ड्रग्स और टेकनो पार्टियों का नेटवर्क तोडने के लिए पिछले एक हफ्ते में आउटर के कई भवनों तथा होटलों में छापेमारी की। एक-दो जगह कमरों की जांच हुई तो ड्रग्स तो नहीं निकला, लेकिन लगभग हर कमरे में युवतियां और युवक मिल गए। ये लोग बाकायदा अपनी ओरिजिनल आईडी देकर रुके हुए थे और सभी बालिग निकले। पुलिस चूंकि ड्रग्स और नशे के रैकेट के पीछे लगी थी, इसलिए ऐसे युवक-युवतियों पर फोकस नहीं किया। केवल सबको वेरिफाई करने के बाद चेतावनी देकर जाने दिया गया। इनकी सूची भी बनाई गई है, लेकिन यह कार्रवाई के लिए नहीं है।

जहां भी छापेमारी के दौरान कमरों से लड़के-लड़कियां निकले, उन भवनों के प्रबंधन को भी पुलिस ने चेताया है। आला अफसरों का मानना है कि आउटर में अगर यह ट्रेंड जैसा हो गया है, तो इसे नया खतरा माना जाना चाहिए, क्योंकि क्योंकि इस तरह गंभीर अपराधों की आशंका बढ़ जाती है। रायपुर में मंगलवार को पुलिस और क्राइम ब्रांच ने मिलकर ड्रग्स गैंग का पर्दाफाश किया है। इनसे हुई पूछताछ में भी यह बात आई कि कई बार इनके पैडलर्स ने होटलों तथा भवनों के कमरों में भी ड्रग्स सप्लाई किए हैं।

रेंट पर रूम की प्रवृत्ति रोकने के लिए जांच का सिस्टम बनाएगी पुलिस

रायपुर पुलिस अब आउटर में हर जगह इस तरह की अचानक जांच का सिस्टम बना रही है, ताकि इस प्रवृत्ति पर काबू पाया जा सके। अफसरों का मानना है कि अगर आउटर में इस तरह रूम रेंट वाली प्रवृत्ति को डिमोरलाइज नहीं किया गया, तो यह कई तरह के गंभीर क्राइम की वजह हो सकती है। हालांकि पुलिस के ही जानकारों का कहना है कि शहरी इलाके में भी इस तरह की प्रवृत्ति बढ रही है। इसकी वजह ये है कि रूम रेंट पर देने वाले होटल या भवनों पर पुलिस का दबाव नहीं है, वे युवक-युवतियों को हतोत्साहित नहीं करते इसलिए भी ऐसा हो रहा है। पुलिस महकमे में ही कानून के जानकारों का कहना है कि बालिग युवक-युवतियों पर तब तक सीधी कार्रवाई उचित नहीं है, जब तक कि प्रास्टीट्यूशन का लिंक न निकले। इसलिए संस्थानों पर दबाव बनाने से ही बेहतर नतीजे आ सकते हैं।

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