छत्तीसगढ़ की खदानें-कारखाने सांय-सांय बेचने में जुटी सरकार, हम रोकेंगेः भूपेश
पूर्व सीएम का खुलासा- कोयला खदान राजस्थान की, पर रास्ता बनाकर अडानी की एंट्री

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कोयला और लोहा खदानों के साथ-साथ नगरनार कारखाने के निजीकरण की कोशिशों का आरोप लगाए हुए प्रदेश की भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है। पूर्व सीएम भूपेश ने द स्तंभ से कहा कि जो कोयला खदान राजस्थान को 2012 में बिजली की जरूरतों के लिए दी गई थी, उसमें अडानी की एंट्री हो गई है और कंपनी 30 प्रतिशत कोयला रिजेक्शन के नाम पर अलग करके अपने पावर प्लांट में भेज रही है। यही नहीं, जगदलपुर के नगरनार प्लांट को बेचने के प्रयास भी सरकार ने शुरू कर दिए हैं। पूर्व सीएम भूपेश ने कहा- छत्तीसगढ़ की कोयला और लोहा खदानों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के कारखानों को उसी तरह सांय-सांय बेचने की कोशिश शुरू हो गई है, जैसा देशभर में एयरपोर्ट, सी-पोर्ट और रेलवे के साथ हो रहा है। कांग्रेस की इस पर पैनी नजर है। हम किसी भी स्थिति में ऐसा नहीं होने देंगे।
पूर्व सीएम भूपेश ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश के जंगल और प्राकृतिक संसाधन बचाने के लिए कोयला खदानों पर किसी को हाथ नहीं रखने दिया। बैलाडीला लोहा खदान लगभग बेच दी गई थी, लेकिन हमने ग्रामसभा का अनुमोदन रद्द करवाया, जो फर्जी था। इस तरह बैलाडीला लोहा खदान बचाई। इसके लिए पर्यावरण अनुमति की अनिवार्यता को ढाल बनाया। लेकिन प्रदेश सरकार केंद्र के साथ मिलकर सब कुछ धीरे-धीरे बेचने पर आमादा है। बीच के रास्ते निकाले जा रहे हैं। सरकारी उपक्रमों को बेचने के लिए सरकारी कंपनियां बनाकर उनके जरिए खदानें देश के बड़े उद्योगपतियों को ट्रांसफर करने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। भूपेश ने कहा- हम बता देना चाहते हैं कि ऐसी तमाम गतिविधियों पर कांग्रेस की पैनी नजर है। इस तरह के किसी भी प्रयास को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ की संपदा को ऐसे हाथों में नहीं पड़ने दिया जाएगा, जो खुद अरबों रुपए का मुनाफा कमाएंगे और प्रदेश की जनता को ही बदहाल छोड़कर चले जाएंगे।