मासूम को पेट्रोल डालकर जला देने वाले पंचराम को फांसी की सजा… रायपुर जेल में आखिरी फांसी दी गई थी 1978 में
राजधानी के औद्योगिक क्षेत्र उरला में 2022 में मासूम को पेट्रोल से जलाकर मार डालने के मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने वहीं रहनेवाले मजदूर पंचराम गेंड्रे को सजा-ए-मौत दी है। कोर्ट ने फैसले में पंचराम के जुर्म को रेयरेस्ट आफ द रेयर माना और कहा कि समाज में ऐसी घिनौनी वारदातें स्वीकार्य नहीं हैं। बच्चे की गुमशुदगी के बाद पुलिस ने तगड़ी इन्वेस्टिगेशन की और मासूम के अधजले शव को बरामद किया। बच्चा पंचराम के पड़ोसी का था। उसकी मां को सबक सिखाने के लिए पंचराम ने यह खौफनाक कारनामा अंजाम दिया था। वह दो बच्चों को एक साथ लेकर गया था, लेकिन एक बच गया। बता दें कि रायपुर जेल में आखिरी फांसी 1978 में बैजू नाम के कैदी को दी गई थी।
पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक पंचराम 5 अप्रैल 2022 को पड़ोसी के दोनों बच्चों हर्ष चेतन और दिव्यांश चेतन को मोटरसाइकिल से घुमाने के बहाने ले गया। एक चक्कर लगाने के बाद दिव्यांश मोटरसाइकिल से उतर गया, पर छोटा बच्चा हर्ष घूमने के लिए तैयार हो गया। पंचराम ने पहले से ही पेट्रोल और टावेल वगैरह का इंतजाम कर रखा था। हर्ष को वह अकोली खार में ले गया। बाइक से उतारने के बाद उसके शरीर पर टावेल लपेटा और पेट्रोल डालकर आग लगा दी। बच्चा जलने लगा, तब वह भाग निकला। मासूम हर्ष की मौके पर मौत हो गई, इधर पंचराम भागकर नागपुर चला गया। मोबाइल लोकेशन के आधार पर रायपुर पुलिस ने उसे नागपुर में दबोचा और यहां लेकर आई। पंचराम ने कलमबंद बयान में बच्चे की हत्या की बात स्वीकार की और खार से हर्ष का अधजला शव भी बरामद करवाया। उसने कलमबंद बयान में स्वीकार किया कि बच्चे की मां उसकी तरफ ध्यान नहीं देती थी। उसे सबक सिखाने के लिए ऐसी घिनौनी वारदात की।
जानिए कोर्ट ने आर्डर में क्या टिप्पणी की
आरोपी पंचराम गेंड्रे उर्फ मन्नू गेंड्रे का ने एकतरफा प्रेम की असफलता का बदला मासूम बच्चे को जिंदा जलाकर हत्या करके लिया गया। चार साल के बच्चे की हत्या आग लगाकर की गई। आरोपी का यह कृत्य दिल को दहला देने वाला तथा सामाजिक मूल्यों पर कुठाराघात करने वाला है। सामाजिक परिवेश में इस तरह की घटना से जनमानस में व्यापक प्रतिक्रिया हुई है। यह प्रकरण विरलतम से विरल (रेयरेस्ट आफ द रेयर) प्रतीत होता है।