बलौदाबाजार हिंसा से 2 घंटे पहले विधायक देवेंद्र सभा में थे…मुश्किलें बढ़ेंगी क्योंकि पूछताछ पर अड़ी पुलिस, मांगी कानूनी राय
बलौदाबाजार उपद्रव के मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बलौदाबाजार में 10 जून को आक्रोशित भीड़ के उपद्रव, कलेक्टोरेट में भारी आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने विधायक देवेंद्र को बुलाने के लिए दो नोटिसें दीं, लेकिन वे गुरुवार तक बलौदाबाजार गए नहीं हैं। इधर, द स्तंभ ने बलौदाबाजार के लोगों से बातचीत की, तो उन्होंने खुलासा किया कि जिस रैली ने बलौदाबाजार कलेक्टोरेट में हिंसा की, उससे ठीक दो घंटे पहले सभा में विधायक देवेंद्र यादव भी थे। पुलिस के पास देवेंद्र यादव के संबोधन के तीन दर्जन वीडियो हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि इसमें उकसाने की कोशिश नजर आ रही है। इन्हीं की पुष्टि के लिए पुलिस उन्हें बुला रही है। चूंकि दो नोटिसों के बाद देवेंद्र यादव बलौदाबाजार पुलिस के समक्ष गए नहीं हैं, इसलिए पुलिस अब कानूनी सलाह ले रही है।
पुलिस को देवेंद्र के संबोधन के वीडियो अलग-अलग मोबाइल से मिले हैं। इसके आधार पर पुलिस ने देवेंद्र के उस संबोधन की लगभग पूरी स्क्रिप्ट तैयार कर ली है, जो बातें उन्होंने रैली के दो घंटे पहले बलौदाबाजार में आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कही थीं। इसका ब्योरा नहीं मिला है, लेकिन माना जा रहा है कि इसे भड़काऊ भाषण के तौर पर लिया जा रहा है। देवेंद्र के संबोधन के बाद हुई रैली अगर हिंसक नहीं होती, तो ये मसला उतना महत्वपूर्ण नहीं होता, जितना अब हुआ है। क्योंकि उनके संबोधन के बाद निकली रैली ने बलौदाबाजार कलेक्टोरेट में ऐसी तोड़फोड़ और आगजनी की, जैसी छत्तीसगढ़ में संभवतः अब तक नहीं हुई है। इस आधार पर जानकारों का दावा है कि देवेंद्र की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बताते हैं कि देवेंद्र ने बलौदाबाजार एसएसपी से बात की है और व्यस्तता का हवाला दिया है। दूसरी ओर, बलौदाबाजार हिंसा में देवेंद्र यादव समेत कई कांग्रेसियों को फंसाने की साजिश का आरोप लगाते हुए कांग्रेस भी बड़े आंदोलन की तैयारी में है। इस बारे में द स्तंभ ने पुलिस मुख्यालय के जानकार अफसरों से भी बात की है। उनका कहना है कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अगर हिंसा में शामिल रहने या भड़काने के साक्ष्य मिलते हैं, तो कानून में उस पर कार्रवाई के अधिकार पुलिस को प्राप्त हैं। आंदोलन वगैरह से इस प्रक्रिया पर विशेष फर्क नहीं पड़ेगा, कानून अपना काम करेगा।