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नशे पर IPS Santosh Singh का वारः रायपुर में 3 माह में चाकूबाजी, छेड़छाड़ के केस कम

रायपुर एसएसपी की मुहिम का असर दिखने लगा, नशे पर और कसेगा फंदा

  • IPS संतोष कुमार सिंह के बारे मेंः छत्तीसगढ़ में 2011 बैच के आईपीएस। उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में जन्म, वहीं के नवोदय से स्कूलिंग, बीएचयू से ग्रेजुएट और जेएनयू में मास्टर्स डिग्री। अमेरिका में पुलिसिंग के लिए आईएसीपी पुरस्कार, चैंपियन आफ चेंज अवार्ड। छत्तीसगढ़ में कोंडागांव, नारायणपुर, महासमुंद, कोरिया, राजनांदगांव, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर और अब रायपुर मिलाकर 9 जिलों में एसपी। नशे के खिलाफ  हर जिले में चलाया निजात अभियान, जिसके लिए मिला था आईएसीपी अवार्ड।  

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रायपुर और छत्तीसगढ़ में नशा ही ऐसे अपराधों की जड़ बन गया है, जिनसे समाज में असंतुलन और दहशत का माहौल बनता है। बात-बात पर चाकूबाजी, महिलाओं से छेड़छाड़ या छोटी-मोटी छिनतई जैसे क्राइम में नशा ही बड़ी वजह बनी हुई है। इसकी लंबी स्टडी के बाद रायपुर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने राजधानी समेत जिले में निजाम मुहिम शुरू कर रखी है, जिसमें लगभग सभी थाने हफ्ते में अवैध शराब और गांजा तस्करी पर कार्रवाई कर रहे हैं। तीन माह में इस मुहिम का रायपुर पर थोड़ा ही सही पर क्या असर हुआ, इन्हें आंकड़ों से समझ सकते हैं। जैसे, पिछले साल फरवरी से अप्रैल तक चाकूबाजी के 58 मामले रिपोर्ट हुए थे, इस साल इन तीन महीनों में ऐसे केस घटकर 40 रह गए हैं, यानी चाकूबाजी में 30 फीसदी से अधिक की कमी है। इसी तरह, आपसी मारपीट के मामले 835 से घटकर 818 हो गए हैं। जानलेवा हमले के केस भी 22 से घटकर 21 हुए हैं। छेड़छाड़ और उत्पीड़न के मामले 54 से घटकर 42 हो गए हैं। एसएसपी संतोष कुमार सिंह का मानना है कि इस तरह के छोटे अपराधों की जांच में नशा ही सबसे बड़ा कारण निकलता है, इसलिए निजात मुहिम पर फोकस है। ये नहीं कह सकते कि रायपुर पुलिस ने कोई ट्रेंड सेट कर दिया है, लेकिन यह जरूर है कि नशे पर लगातार कार्रवाई करने से यह काबू में रहेगा और छोटे अपराधों में प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद कर सकते हैं।

किसी भी शहर में अगर महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं, लोग चोर-लुटेरों से दहशत में नहीं रहते और बात-बात पर चाकू नहीं निकलते, तब माना जा सकता है कि वहां कानून और व्यवस्था की स्थिति नियंत्रित हो रही है। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने द स्तंभ से खास बातचीत में कहा कि हम यह दावा नहीं कर सकते कि किसी भी शहर या बस्ती में किसी फार्मूले से अपराध घटा सकते हैं। सिर्फ यही कह सकते हैं कि अगर मूल कारणों पर लगातार चोट की जाती रहे, तो ऐसे अपराधियों में हताशा आने लगती है। नशे के खिलाफ रायपुर पुलिस की मुहिम निजात का कांसेप्ट ही यही है कि नशे पर लगातार आघात पहुंचाते रहें। निजात अभियान के साथ रायपुर पुलिस लोगों को जागरुक करने का अभियान भी छेड़े हुए है। एसएसपी ने कहा कि हम अभियान को लेकर यह दावा बिलकुल नहीं करते कि नशे के खिलाफ हम कोई क्रांतिकारी काम कर देंगे। या रायपुर का हर व्यक्ति हमारी मुहिम से नशे के खिलाफ पूरी तरह जागरुक हो जाएगा। बल्कि इस मुहिम का, बैनर-पोस्टर या वाल राइटिंग का उद्देश्य यह है कि इनके जरिए आम लोगों तक दिन में एक-दो बार यह बात पहुंचती रहे ताकि उनमें धीरे-धीरे यह धारणा बनती जाए कि नशे पर चोट करने से सामाजिक वातावरण और ताना-बाना बेहतर ही रहेगा।

निजात सिर्फ शराब-गांजे तक सीमित नहीं, सूखे नशे पर अब बड़ी चोट

एसएसपी संतोष सिंह ने कहा कि पिछले तीन माह में रायपुर पुलिस ने शराब और गांजे पर कंट्रोल के मामले में लगातार काम किया है। आबकारी और एनडीपीएस की कार्रवाइयां बड़े पैमाने पर हो रही हैं। इसका असर भी हो रहा है, लेकिन निजात अभियान का यही अंतिम लक्ष्य नहीं है। रायपुर चूंकि राजधानी है, इसलिए यहां नशे के कई सप्लाई सिस्टम हैं। पुलिस की नजर स्लम्स में ऐसे लोगों पर तो है ही, जो एक-दो पेटी शराब या किलो-दो किलो गांजा बेच रहे हैं। बल्कि उन हाईप्रोफाइल जगहों पर भी है, जहां से महंगा सूखा नशा बेधड़क निकल रहा है, या पार्टियों में इस्तेमाल हो रहा है। अब हम निजात अभियान का दायरा बढ़ा रहे हैं और नशों के हाईप्रोफाइल अड्डों पर भी सावधानी से नजर रखे हुए हैं। इसका भी उद्देश्य ऐसे वर्ग के बच्चों को नशे से दूर करना है, जो महंगे सूखे नशे की लत का अंजाम जाने बगैर सिर्फ एंजाय करने के लिए इसके जाल में फंस रहे हैं। जो लोग सोसाइटी के नाम पर इस तरह के नशे का जाल फैला रहे हैं, उन्हें रोकना भी बेहद जरूरी है।

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