आज की खबर

कोल वाशरी गोलीकांडः अंधाधुंध फायरिंग की जांच में अब ओड़िशा पुलिस पर काउंटर एफआईआर गेम का आरोप उछला

ओड़िशा पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल, राजनैतिक-व्यावसायिक साजिश का शक

रायगढ़ से लगे ओड़िशा के सुंदरगढ़ जिले की गर्जनबहल कोल वाशरी में पिछले शुक्रवार को सुबह 6 बजे कब्जे के लिए हुए हमले और गोलीबारी मामले में ओड़िशा पुलिस ने हमलावरों पर तो एफआईआर की ही थी, अगले ही दिन इसी मामले में दूसरे पक्ष के खिलाफ नई एफआईआर से रायगढ़ में खलबली मच गई है। इसे ओड़िशा पुलिस का काउंटर एफआईआर गेम बताते हुए आरोप लगाया गया है कि दूसरी एफआईआर में कई ऐसे लोगों के नाम है, जिनका कोलवाशरी के बिजनेस से ही दूर-दूर तक लेना-देना नहीं है। इसे लेकर राजनैतिक तथा व्यावसायिक साजिश की भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। यही नहीं, कोरोनाकाल में मृत एक कारोबारी का नाम भी एफआईआर में शामिल रहने से खलबली मची हुई है। पहली एफआईआर में जिन लोगों के नाम हैं, अभी वे ओड़िशा पुलिस को नहीं मिले, लेकिन हमले में कथित तौर पर शामिल डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच, दूसरी एफआईआर में जिनके नाम हैं, उनकी तलाश में ओड़िशा पुलिस ज्यादा ताकत लगा रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस इस मामले में खामोश है, क्योंकि घटनास्थल यहां का नहीं है।

सुंदरगढ़ थाने में पहली एफआईआर के मुताबिक शुक्रवार को सुबह साढ़े 6 बजे गर्जनबहल कोल वाशरी में दो दर्जन से ज्यादा गाड़ियों में करीब दो-ढाई सौ हथियारबंद लोगों ने हमला किया, दो सौ राउंड फायर हुए और दर्जनभर लोगों को राड-लाठियों से पीटा गया। कई गाड़ियां तोड़ दी गईं। इस मामले में हुई पहली FIR में ओड़िशा की हेमगिर पुलिस ने राज यादव की लिखित शिकायत पर रायगढ़ के भरत अग्रवाल, रविंद्र भाटिया एवं उनके पुत्र, ओड़िशा के निर्मल शर्मा तथा अन्य 250 लोगों को आरोपी बनाया गया। सुंदरगढ़ एसपी के निर्देश पर इस घटना की जांच के लिए एसआईटी बना दी गई, जो जांच करने रायगढ़ पहुंच भी गई। लेकिन अगले ही दिन ओड़िशा पुलिस ने एक और एफआईआर दर्ज की। जो कारोबारी कोल वाशरी के स्वामित्व से जुड़े हैं, इन्हें दूसरा पक्ष बताते हुए ओड़िशा में इनके खिलाफ राजेश अग्रवाल की शिकायत पर रायगढ़ के बंटी उर्फ घनश्याम डालमिया, रवि गुप्ता, सुरेश गुप्ता, पवन शर्मा, पंकज गुप्ता, संदीप शर्मा, तारा श्रीवास तथा 40-50 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। रायगढ़ में चर्चा है कि दूसरी एफआईआर में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, कोल वाशरी में वही लोग काबिज हैं। कोल वाशरी से उन्हें हटाकर कब्जा करने के लिए ही कथित तौर पर हमला किया गया था। ऐसे में ओड़िशा पुलिस की दूसरी एफआईआर पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button