बस्तर विकास की पहल वहीं से… सीएम साय ने शुरू किया इरिगेशन सीई दफ्तर… अफसरों के साथ स्टेक होल्डर्स से लिए सुझाव… मोर दुआर साय सरकार अभियान शुरू

बस्तर के विकास का रोडमैप तैयार करने के लिए सीएम विष्णुदेव साय और उनकी सरकार ने मंगलवार को जगदलपुर में कैंप कर दिया है। सीएम साय ने बस्तर प्रवास के पहले दिन कुछ जगह दौरा किया और बस्तर के भविष्य की योजनाओं पर अमल भी शुरू कर दिया। पहले ही दिन जगदलपुर में सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता (सीई-इरिगेशन) का दफ्तर शुरू किया। अब तक बस्तर में सिंचाई की बड़ी परियोजनाओं के लिए रायपुर की दौड़ लगानी पड़ती थी। इस दफ्तर के शुरू होने की वजह से ऐसी योजनाएं जगदलपुर में ही बनने लगेंगी। बस्तर में औद्योगिक विकास के लिए साय सरकार ने भूमि बैंक प्रबंधन और आसान करने की कोशिश शुरू कर दी है। बस्तर में आवासहीन और कच्चे मकान वाले परिवारों के सर्वे का विशेष अभियान शुरू किया गया है। इसी तरह, प्रदेशभर में चलने वाले अभियान मोर दुआर-साय सरकार की शुरुआत भी बस्तर से की गई। यह 30 अप्रैल तक चलेगा। शाम को सीएम साय की मौजूदगी में जगदलपुर में विकसित बस्तर की ओर विषय पर परिचर्चा हुई जिसमें मंत्री विजय शर्मा और केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप केे अलावा सीएम साय के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह और सचिव राहुल भगत भी उपस्थित थे।
विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में सीएम साय ने कहा की नई औद्योगिक नीति के तहत बस्तर संभाग में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ खनिज आधारित, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन उद्योगों की असीमित संभावनाओं को साकार करने का रोडमैप तैयार किया गया है। बस्तर के औद्योगिक परिदृश्य को देखें तो वर्तमान में बस्तर संभाग में 690 MSME इकाइयाँ संचालित हैं। बस्तर संभाग के 3 प्रमुख सेक्टर्स में चावल मिल, ईंट निर्माण और धातु निर्माण उद्योग शामिल हैं। एनएमडीसी माइनिंग, एनएमडीसी स्टील, एस्सार, ब्रज इस्पात और ए एम एन एस इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियाँ यहाँ स्थापित हैं। संभाग से लगभग 102 करोड़ रुपये का निर्यात होता है, जिसमें लौह अयस्क की हिस्सेदारी सर्वाधिक है। विकसित बस्तर की ओर बढ़ने के लिए औद्योगिक नीति 2024-30 के अनुसार बस्तर संभाग के विकास के लिए 32 में से 28 विकासखंडों को समूह 3 के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, ताकि उद्योगों को अधिकतम प्रोत्साहन मिले। इस्पात उद्योग के लिए 15 वर्षों तक रॉयल्टी प्रतिपूर्ति का प्रबंध है।