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पंडरी ज़िला अस्पताल की लैब देश में टॉप, बलौदाबाज़ार सेकंड… पब्लिक हेल्थ सेक्टर में छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि

छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य सेवाओं की क्वालिटी के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिला अस्पताल पंडरी रायपुर और जिला अस्पताल बलौदाबाजार की इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (IPHL) को भारत सरकार के नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम (NQAS) के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर का गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है। पंडरी रायपुर की IPHL देश की प्रथम, जबकि बलौदाबाजार की IPHL देश एवं राज्य की द्वितीय प्रमाणित लैब बनी है। सीएम विष्णुदेव साय ने इसके लिए बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और वैज्ञानिक मानकों पर आधारित लैब सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण को प्रमाणित करती है।

राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे प्रयासों का यह सीधा परिणाम है कि जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के बीच राज्य की कुल 832 स्वास्थ्य संस्थाओं का राष्ट्रीय मानकों के आधार पर मूल्यांकन और प्रमाणीकरण किया गया है। इनमें दंतेवाड़ा के दूरस्थ क्षेत्र चिंतागुफा जैसे दुर्गम इलाकों के स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि देश में पहली बार किसी राज्य में लैब्स की इतनी बड़ी और व्यवस्थित श्रृंखला का मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण हुआ है, जिसने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट स्थान दिलाया है।

दोनो लैब्स का मूल्यांकन भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा नामित विशेषज्ञ मूल्यांकनकर्ताओं की टीमों ने किया। पंडरी रायपुर की IPHL का मूल्यांकन 10 सितंबर 2025, जबकि बलौदाबाजार की IPHL का मूल्यांकन 11 सितंबर 2025 को किया गया। दोनों टीमों ने लैब की कार्यप्रणाली, मरीज केंद्रित सेवाएँ, गुणवत्ता नियंत्रण, समयबद्ध रिपोर्टिंग और सुरक्षा प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा की। मूल्यांकन उपरांत, पंडरी रायपुर IPHL को 90% और बलौदाबाजार IPHL को 88% स्कोर के साथ प्रमाणन प्राप्त हुआ। यह स्कोर स्वास्थ्य गुणवत्ता के राष्ट्रीय मानकों में उत्कृष्ट श्रेणी में आता है।

पंडरी रायपुर की IPHL पूरे राज्य का मॉडल लैब बन चुकी है। यहां प्रतिदिन 3,000 से अधिक जांचें की जाती हैं और 120 से अधिक प्रकार की जांच सेवाएं उपलब्ध हैं। यह लैब ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल पर कार्य करते हुए रायपुर जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से प्राप्त सैंपल की भी जांच करती है। कई बार आपातकालीन परिस्थितियों में यह लैब मेडिकल कॉलेज और अन्य जिलों से आए नमूनों की जांच भी करती रही है, जिससे इसकी क्षमता और उपयोगिता दोनों प्रमाणित होती हैं। बलौदाबाजार की IPHL भी सेवा गुणवत्ता के मामले में तेजी से उभरती हुई लैब है। यहां प्रतिदिन 1,000 से 1,200 जांचें की जाती हैं और 100 से अधिक प्रकार की लैब टेस्टिंग उपलब्ध है।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पूर्व में भी पंडरी रायपुर IPHL के मॉडल की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की जा चुकी है। देश के 13 से अधिक राज्यों की टीमें उक्त लैब का निरीक्षण कर इसकी कार्यप्रणाली का अवलोकन कर चुकी हैं। इतना ही नहीं, भारत सरकार द्वारा इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स हेतु जारी की गई विस्तृत गाइडलाइन के मुख्य पृष्ठ पर रायपुर IPHL की फोटो प्रकाशित की गई है। इस मॉडल को PM–ABHIM के अंतर्गत पूरे देश में स्थापित किए जा रहे IPHL नेटवर्क के मार्गदर्शक स्वरूप में अपनाया गया है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा दोनों जिला अस्पतालों की IPHL टीमों—चिकित्सकों, तकनीशियनों और स्टाफ—को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं, और IPHLs के राष्ट्रीय प्रमाणन से राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को नई विश्वसनीयता और मजबूती मिली है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार प्राथमिक और द्वितीयक स्वास्थ्य सुविधाओं को आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित मानव संसाधन से लैस कर रही है। IPHL जैसी उच्च गुणवत्ता वाली लैब्स ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े इलाकों में समय पर स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आने वाले वर्षों में राज्य भर के जिला अस्पतालों और प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों को इसी मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा।

यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए केवल प्रमाणन नहीं, बल्कि यह संकेत भी है कि राज्य अब राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गुणवत्ता केंद्रित स्वास्थ्य प्रबंधन की दिशा में अग्रसर है। IPHL मॉडल के विस्तार से रोगियों की जाँच सेवाएँ और अधिक सुलभ, तीव्र और विश्वसनीय होंगी। इसका सीधा लाभ लाखों नागरिकों को मिलेगा और राज्य के स्वास्थ्य सूचकांकों में भी उल्लेखनीय सुधार होगा। दोनों IPHL लैब्स की सफलता यह प्रमाणित करती है कि जब वैज्ञानिक मानकों, प्रशिक्षित मानव संसाधन, आधुनिक तकनीक और शासन की दृढ़ इच्छाशक्ति का संगम होता है, तब स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव संभव है। यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरक मॉडल है और आने वाले समय में स्वास्थ्य गुणवत्ता सुधार की दिशा में नए मानक स्थापित करेगी।

इस उपलब्धि पर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा- पंडरी रायपुर और बलौदाबाजार जिलों की इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स को देश की प्रथम और द्वितीय क्वालिटी सर्टिफाइड IPHL बनने पर स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को बधाई। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य तंत्र में आ रहे व्यापक, वैज्ञानिक और संरचनात्मक सुधारों का प्रमाण है। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं, और राष्ट्रीय स्तर के इस प्रमाणन ने राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को नई विश्वसनीयता और मजबूती प्रदान की है। IPHL मॉडल ने ग्रामीण, आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों तक विश्वसनीय जांच सेवाएँ पहुँचाने का मार्ग मजबूत किया है, और आने वाले समय में राज्य के सभी जिला अस्पतालों को आधुनिक, दक्ष और मानकीकृत मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा।

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