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नए कानून में रेंगाखार की पहली FIR का सच…युवक की पहली पिटाई 29 को हुई, अगले दिन वह दोबारा पिटा तब केस दर्ज कर लूटी वाहवाही

भारतीय न्याय संहिता के तहत रात 12.30 बजे छत्तीसगढ़ में कवर्धा जिले के रेंगाखार थाने में हुई जिस एफआईआर को पहली बताया गया है, वह है तो पहली लेकिन जिस युवक के साथ मारपीट पर यह केस दर्ज किया गया, उसकी पहली पिटाई 29 जून की शाम को हो गई थी। अगले दिन उसके मैनेजर ने रेंगाखार थाने को सूचना भी दी थी, लेकिन दिनभर एक्शन नहीं हुआ। इधर, जिस व्यक्ति ने उसे पीटा था, जब उसे थाने में सूचना वाली बात पता चली तो उसने 30 जून को फिर पिटाई कर दी। दो बार पिटा युवक थाने पहुंचा, और जैसे ही घड़ी ने रात 12 बजाए और 1 जुलाई की तारीख बताई, पुलिस ने तुरंत नए कानून में एफआईआर कर ली। पुलिस मुख्यालय से लेकर पूरे प्रदेश में रेंगाखार थाने का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जा रहा है। जबकि हकीकत ये है कि बीएनएस की पहली एफआईआर के चक्कर में युवक दो बार पिट गया। जबकि आला अफसरों के अनुसार अच्छी पुलिसिंग का तकाजा यह भी है कि जब वह पहली बार पिटा था, एक्शन तभी लेना चाहिए था। भले ही रिपोर्ट पुराने कानून में दर्ज होती, पर पिटे युवक को न्याय भी मिलता और दूसरी बार पिटाई से बच जाता।

आनलाइन एफआईआर में मिलेगी पूरी कहानी

छत्तीसगढ़ में बीएनएस की रेंगाखार थाने में दर्ज एफआईआर की कापी द स्तंभ को मिली है। हैरतअंगेज यह है कि इस मामले को इन्वेस्टिगेट करने की जरूरत ही नहीं है। सारा कुछ एफआईआर में ही लिखा है, जिसे हम सरल शब्दों में लेकिन हूबहू बता रहे हैं कि क्या हुआ था- “प्रार्थी इतवारी पंचेश्वर 30 वर्ष मोहनटोला गांव का रहनेवाला है। उसे ट्रैक्टर के कागजात नहीं दे रहे हो, यह कहते हुए गोलू ने 29 जून को पीटा। यह बात इतवारी ने अपने मैनेजर को बताई। उसने 30 जून को रेंगाखार थाने को सूचना दे दी।” इस सूचना पर रेंगाखार पुलिस ने दिनभर क्या किया, यह आला अफसरों को पूछना चाहिए। बहरहाल, एफआईआर की कई बातें आश्चर्यजनक हैं। जैसे, रेंगाखार छोटी बस्ती है, जहां रात 9 बजे तक सब बंद हो जाता है, लेकिन 30 जून की रात 12 बजे तक वह शोरूम चालू था, जहां इतवारी काम करता है। एफआईआर के मुताबिक वह 12 बजे रात को शोरूम से निकला ही था कि गोलू ने उसे रास्ते में रोका और फिर पिटाई कर दी। तब तक नया कानून लागू हो गया था। इतवारी रात 12.10 बजे भागते हुए थाने पहुंचा और 5 मिनट में उसने आवेदन दिया। इसके अगले 5 मिनट में रेंगाखार पुलिस ने नए कानून की धारा 296, 351(2) का मामला दर्ज कर लिया और यह छत्तीसगढ़ में भारतीय न्याय संहिता की पहली एफआईआर बन गई।

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