कांकेर में बौराए भालू ने दो की जान ली… डिप्टी रेंजर को पकड़कर चीर-फाड़ डाला… रैबीज की आशंका, रात में ही पकड़ा गया

कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर के जंगलों में शनिवार देर शाम एक बौराए हुए भालू ने दो ग्रामीणों को मार डाला और एक को गंभीर रूप से घायल कर दिया। भालू के हमले की खबर सुनकर इलाके के डिप्टी रेंजर नारायण यादव कुछ वनकर्मियों और ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे और भालू से शवों को दूर करने की कोशिश कर ही रहे थे कि भालू ने डिप्टी रेंजर को घसीट लिया और पटककर बुरी तरह नोचा। भालू के हमले से डिप्टी रेंजर के शरीर पर कई जगह चीरे जाने और फटने के जख्म हैं और उन्हें गंभीर हालत में रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती किया गया है। डाक्टरों के मुताबिक डिप्टी रेंजर समेत घायल दोनों की हालत खतरे से बाहर नहीं है।
ग्रामीणों तथा वनकर्मियों के मुताबिक भानुप्रतापपुर के जंगल में अज्जू कुरेटी नाम के युवक पर भालू ने हमला किया। वहीं मौजूद शंकर दर्रो युवक और भालू को अलग करने के लिए कूद पड़े। भालू ने शंकर को ही चपेट में लिया और इस तरह चीर-फाड़ की कि बुजुर्ग की मौके पर ही मृत्यु हो गई। इसकी सूचना गांव पहुंची और शंकर का बेटा सुखलाल ग्रामीणों और डिप्टी रेंजर के साथ पहुंचा। वह अपने पिता के शव के पास गया ही था कि भालू ने उस पर बुरी तरह हमला किया। सुखलाल की भी मौके पर मौत हो गई। इस दौरान भालू को भगाने तथा घायलों को उठाने की कोशिश में लगे डिप्टी रेंजर यादव भी भालू के हमले के शिकार हो गए। भालू ने उन्हें भी जगह-जगह चीर फाड़ दिया, लेकिन किसी तरह ग्रामीणों में भालू को भगाकर दोनों घायलों को अस्पताल इलाज के लिए भेजा। इस घटनाक्रम की सूचना मिलने पर आला अफसरों ने रायपुर से रेस्क्यू टीम और जंगल सफारी से डा. राकेश वर्मा को भेजा। उन्होंने मीडिया से बातचीत में आशंका जताई कि भालू को रैबीज हो सकता है, इसलिए वह बौराया और ऐसे हमले किए। बहरहाल, दो लोगों की मौत तथा डिप्टी रेंजर समेत दो लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना के बाद वन विभाग ने भालू को पकड़ने के लिए जंगल में बड़ा अभियान चलाया। पिंजड़े लगाए गए और नाइट ड्रोन से निगरानी की गई। बड़ी कोशिश के बाद भालू एक पिंजरे में फंस गया। सूत्रों के मुताबिक संभव हुआ तो उसका कहीं रखकर इलाज किया जाएगा और ठीक होने पर ही उसे जंगल में छोड़ा जाएगा।