शासन

सीएम साय नहीं बल्कि किसान उतरा अपने खेत में, पूजा कर 5 बार बीज छिड़के और निभाई रस्म

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दरअसल एक किसान हैं, और मंगलवार को वे अपने खेतों में सीएम नहीं बल्कि किसान के तौर पर उतरे और बोनी की रस्म उसी तरह पूरी की, जिस तरह वर्षों से करते आ रहे हैं। हर छत्तीसगढ़िया किसान की तरह सीएम साय भी मानसून की आहट पाते ही मंगलवार को अपने गृह ग्राम बगिया पहुंच गए। पूरे परिवार के साथ वे अपने खेत में गए। वहां उन्होंने सरगुजा इलाके की परंपरा के अनुसार पांच बार बीजों को अपने हाथों में लेकर खेतों में बिखराया। इसके बाद उनके परिजन ने भी ऐसा ही किया।

खेती-किसानी को लेकर जशपुर, सरगुजा अंचल के किसानों में ऐसी परंपरा है, जिसमें परिवार के लोग मुखिया के साथ धान की बोनी की रस्म निभाते हैं। चूंकि सीएम साय अपने परिवार के मुखिया हैं, इसलिए परिवार में होने वाली बोनी की रस्म के लिए उन्हें जाना ही था। सीएम साय अपने खेत में पारंपरिक परिधान पहनकर पहुंचे। वे पगड़ी लगाए हुए थे और सरगुजा के किसानों की जो वेशभूषा होती है, उनकी भी वैसी ही थी। उन्होंने परंपरा के अनुसार धान के बीज टोकरी में रखे। फिर पूजा-पाठ किया और टोकरी में रखे बीज पांच बार खेत में बिखेरे। उल्लेखनीय है कि फसल की समृद्धि की कामना के लिए बीज छिड़कने के पूर्व यह रस्म जशपुर-सरगुजा क्षेत्र में की जाती है।

किसानों की हर दिक्कत जानते हैं सीएम साय

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश में बेहतर खरीफ फसल के लिए बीते दिनों कृषि विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक भी की। मुख्यमंत्री किसानों के सरोकार रखते हैं चूकि वे हमेशा खेती-किसानी से जुड़े रहे हैं, इसलिए उन्होंने समय पूर्व ही अधिकारियों को खाद बीज की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को किसानों की जरूरतों के अनुरूप कृषि अदानों की व्यवस्था करने और टेक्नोलॉजी का अधिक प्रयोग करते हुए उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया था।

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