NEET UG: छत्तीसगढ़ में 4 हजार बच्चे बढ़े, मेडिकल सीटें नहीं बढ़ीं, आरक्षण 58%… इसलिए सीजी में नीट का कटआफ जा सकता है 550 के आसपास
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छत्तीसगढ़ के सरकारी और निजी मेडिकल तथा डेंटल कालेजों में दाखिले के लिए नीट-यूजी की रविवार को परीक्षा हो गई है। इस परीक्षा के जरिए प्रदेश के 10 सरकारी समेत 13 मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की 1910 और 6 डेंटल कालेजों में बीडीएस की 600 सीटों पर दाखिला दिया जाएगा। पूरी छत्तीसगढ़ में नीट यूजी की परीक्षा इस साल करीब 45 हजार बच्चों ने दी है। पिछले साल नीट में यह संख्या 4 हजार कम थी। नीट में आल इंडिया कोटे के लिए आरक्षण 50 फीसदी है, लेकिन माना जा रहा है कि पिछले साल भूपेश सरकार ने 58 प्रतिशत आरक्षण दिया था, इसलिए इस साल भी उतना ही रहेगा। 4 हजार बच्चे बढ़ गए, सीटें नहीं बढ़ी हैं, आरक्षण भी उतना ही है, इसलिए माना जा रहा है कि इस बार छत्तीसगढ़ के सरकारी मेडिकल कालेजों में अनारक्षित वर्ग के लिए सीजी का कटआफ 550 के आसपास पहुंच सकता है। इसी अनुपात में ओबीसी, एसटी, एससी और ईडब्लूएस कोटे का कटआफ भी बढ़ेगा। विशेषज्ञों के अनुसार जिन बच्चों ने देश के अच्छे कालेजों में दाखिला लेने के हिसाब से तैयारी की है, उन्हें यह मानकर चलना चाहिए कि आल इंडिया कोटे से अनारक्षित वर्ग का कटआफ हर हाल में 600 से ऊपर जाने वाला है।
बता दें कि नीट का पर्चा 720 नंबर का होता है और माइनस मार्किंग सिस्टम पर जांचा जाता है। आज हुई नीट यूजी परीक्षा के नतीजे एक माह बाद यानी जून के पहले पखवाड़े में आने की संभावना है। द स्तंभ ने रविवार को नीट देने वाले बच्चों, नीट की तैयारी करवा रहे इंस्टीट्यूट्स और इसकी समझ रखने वाले डाक्टरों से बात की है। जहां तक नीट के प्रश्नपत्र का सवाल है, नीट की तैयारी के लिए इंस्टीट्यूट रन कर चुके डा. सुनील मल्ल तथा एलन इंस्टीट्यूट से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार नीट के पर्चे में बायोलाजी का सेगमेंट थोड़ा लेंदी रहा है, लेकिन कठिन नहीं था। फिजिक्स और केमिस्ट्री के प्रश्न पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कठिन जरूर थे, लेकिन अच्छी बात यह रही कि पूरे के पूरे प्रश्न एनसीआरटी बेस्ड रहे हैं। जिन बच्चों ने एनसीआरटी के प्रश्नों पर फोकस किया, उनके लिए यह पर्चा बहुत कठिन नहीं माना जा सकता। नीट की दो-तीन साल तक तैयारी करनेवाले अधिकांश बच्चे एनसीआरटी पर ही फोकस रहते हैं, इसलिए वे अच्छे नंबर पा सकते हैं। इसका सीधा अर्थ है कि आल इंडिया और सीजी, दोनों ही कोटे में हर वर्ग के लिए कटआफ बढ़ेगा ही।
कटआफ बढ़ने के कई फैक्टर, सीटें नहीं बढ़ना भी इसमें से एक
छत्तीसगढ़ के 10 सरकारी और 3 निजी मेडिकल कालेजों में सीटें 1910 हैं, यानी पिछले साल जितनी ही हैं। पिछले साल 41 हजार बच्चों ने नीट परीक्षा दी थी, इस साल तकरीबन 45 हजार ने दी है। सीट नहीं बढ़ने और दावेदार बढ़ने से खुद ही स्पष्ट होता है कि कटआफ बढ़ने जा रहा है। पिछले साल छत्तीसगढ़ के 19 हजार बच्चों को क्वालिफाई घोषित किया गया था, अर्थात वे मेरिट पर निजी कालेजों में दाखिला ले सकते थे। इस बार क्वालिफाई करनेवाले बच्चों की संख्या भी बढ़ने के आसार हैं, इसलिए प्राइवेट मेडिकल कालेजों में भी कंपीटिशन होगा। पिछले साल अनारक्षित वर्ग का कटआफ 530 नंबर था, यानी इस नंबर के बच्चों को सरकारी मेडिकल कालेजों में सीट मिल गई थी। दो साल पहले नीट की सीटों के आवंटन 50 प्रतिशत था, जिसे पिछले साल ठीक काउंसिलिंग वाले दिन बढ़ाकर 58 फीसदी कर दिया गया था। जिस तरह लोकसभा चुनाव में आरक्षण का मुद्दा चल रहा है, उस आधार पर माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार किसी भी स्थिति में इसे 58 प्रतिशत से कम नहीं करेगी। पेपर का असमान्य नहीं रहना, मेडिकल कालेज और सीटें नहीं बढ़ना, आरक्षण में कमी नहीं होना, बच्चों की संख्या बढ़ना और छत्तीसगढ़ में नीट की तैयारी की सुविधाएं धीरे-धीरे राष्ट्रीय स्तर की होना इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार कटआफ में आनुपातिक तौर पर ज्यादा वृद्धि हो सकती है। हालांकि पिछले वर्षों के नतीजे देखे जाएं कि पांच-छह साल से नीट का कटआफ सीजी कोटे के लिए हर साल 10 से 15 नंबरों के बीच बढ़ ही रहा है। इसलिए इस साल यह फार्मूले के आधार पर भी 545 तक को जाएगा ही, ऐसी संभावना है।