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शराब स्कैमः अनवर, त्रिपाठी, अरविंद, ढिल्लन के खिलाफ 10 हजार पेज के हाईटेक चालान में 15 फर्जी डिवाइस-हार्डवेयर अटैच

छत्तीसगढ़ के शराब स्कैम में आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (ईओडब्लू) ने रायपुर की विशेष अदालत में अभी केवल अनवर ढेबर, पूर्व अफसर अरुणपति त्रिपाठी तथा कारोबारी अरविंद सिंह और त्रिलोक ढिल्लन के खिलाफ ही चालान पेश किया है। इस मामले में दो दर्जन से ज्यादा आरोपी और हैं, जिनकी जांच जारी है। पेश किया गया पहला चालान ही 10 हजार पेज से ज्यादा का है। इसमें मुख्यतः अनवर, त्रिपाठी, अरविंद और ढिल्लन की भूमिका का उल्लेख है। ईओडब्लू का यह चालान बेहद हाईटेक है, क्योंकि इसके साथ 15 डिवाइस भी अटैच है। एक फर्जी साफ्टवेयर के साथ मशीन भी है, जो नकली होलोग्राम को प्रमाणित करती थी। पेश किए गए ज्यादातर सबूत नई टेकनालाजी से संबंधित हैं। खासकर वाट्सएप और दूसरे एप्लीकेशंस के चैट, जिनसे कई लेन-देन और बातचीत सामने आ गई है।

ईओडब्लू ने शराब स्कैम में जांच तेज कर दी है। आने वाले दिनों में शराब तथा कोल स्कैम में कुछ बड़ी गिरफ्तारियों की तैयारी है। यही वजह है कि एजेंसी ने पहला चालान पेश करने में पूरी ताकत लगाई और इलेक्ट्रानिक सबूतों को चालान के साथ अटैच किया। वकीलों के मुताबिक चालान में मुख्यतः बताया गया है कि गड़बड़ी किस तरह की गई। एजेंसी ने हजारों त्रिपाठी के साथ अनवर, अरविंद और ढिल्लन की सैकड़ों वाट्सएप चैट निकालीं। सिर्फ वाट्सएप चैट के प्रिंट ही 2 हजार से ज्यादा पन्नों हैं।

फर्जी क्यूआर स्कैनर तक बनवा लिया था..

शराब स्कैम में सबसे बड़ा मामला नकली होलोग्राम का है। जिस सीरीज का असली होलोग्राम जारी होता था, उसी सीरीज के नकली होलोग्राम छपवा लिए जाते थे। लेकिन दिक्कत ये थी कि होलोग्राम का क्यूआर कोड स्कैन करने वाली मशीन एक सीरीज को ही रजिस्टर कर सकती थी। नकली होलोग्राम की वही सीरीज से घोटाले का सबूत ही तैयार हो जाता। इससे बचने के लिए ऐसा साफ्टवेयर और मशीन डेवलप करवाई गई, जिससे केवल नकली होलोग्राम का क्यू आर कोड ही रजिस्टर किया गया। चालान में आरोप लगाया गया है कि यह साफ्टवेयर नकली होलोग्राम लगी हुई पूरी बोतलों का हिसाब सीधे कथित तौर पर त्रिपाठी को भेजता था। इससे यह पता लगाने में भी आसानी हुई कि कितना माल नंबर-2 में चल रहा है।

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