जस्टिस संजीव खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश… कश्मीर से 370 हटाने के फैसले में शामिल थे… साहसी फैसलों से चर्चा में रहे जस्टिस चंद्रचूड़ रिटायर
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस आफ इंडिया या सीजेआई) बन गए हैं। सोमवार को सुबह उन्हें राष्ट्रपति भवन में प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मु ने शपथ दिलाई। सीजेआई खन्ना 13 मई 2025 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहेंगे, इस तरह उनका कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं रहेगा। इसके पहले, 65 साल की उम्र पूरी करके जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो गए। जस्टिस चंद्रचूड़ को अपने कार्यकाल के दौरान लिए गए साहसिक फैसलों के लिए याद किया जाएगा। जस्टिस खन्ना के नाम की सिफारिश जस्टिस चंद्रचूड़ ने ही थी।
जस्टिस खन्ना के पिता भी थे हाईकोर्ट के जज
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। वे दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्नव न्यायाधीश जस्टिस देवराज खन्ना के बेटे भी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एचआर खन्ना के भतीजे हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के ला कैंपस से कानून की पढ़ाई पूरी की। नई दिल्ली बार काउंसिल में 1983 में रजिस्ट्रेशन के साथ उन्होंने वकालत शुरू की थी। जस्टिस खन्ना 2004 में दिल्ली हाईकोर्ट के एडिशनल जज और 2005 में परमानेंट जज बन गए थे। नवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनाए गए थे। वे भी देश के कई बड़े मामलों की सुनवाई और फैसले कर चुके हैं। जस्टिस खन्ना ईवीएम की विश्वसनीयता को बनाए रखने, चर्चित इलेक्टोरल बांड योजना को खत्म करने, अनुच्छेद 370 को हटाने और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने जैसे कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं। जस्टिस खन्ना को कोर्ट की पेंडेंसी कम करने की पहल करनेवाले जजों में एक माना जाता है।