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कोल मंत्रालय की बैठक में सांसद बृजमोहन का छत्तीसगढ़ SECL पर बड़ा वार… कोयला निकाल लेते हैं, गड्ढे नहीं भरते… इनमें पानी भरने से सबकी जान खतरे में

नई दिल्ली में कोयला मंत्रालय की बैठक के बाद इसी मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने बैठक में आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में एसईसीएल ओपन कास्ट कोयला खदानों के मामलों में लापरवाह रवैया अपनाए हुए है। खदान से कोयला निकाल लिया जाता है, तब नियम ये है कि इन्हें भरकर यहां वृक्षारोपण कर दिया जाए। लेकिन छत्तीसगढ़ में कोयला निकालने के बाद ज्यादातर खदानें विशाल गड्ढों के रूप में छोड़ दी जा रही हैं। इससे गड्ढों में पानी भर रहा है। खुली खदानों में खासतौर पर बारिश के समय पानी भरने से हादसे बढ़ रहे हैं। इन हादसों में आम लोगों ही नहीं, बल्कि मवेशियों की मौतें भी होने लगी हैं। सांसद अग्रवाल ने कोयला मंत्रालय से मांग की है कि एसईसीएल के जो भी लोग इस मामले में दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और खुली खदानों का शीघ्र पुनर्वास होना चाहिए। मामले उठने के बाद कोयला मंत्रालय से यहां एसईसीएल अफसरों के फोन भी घनघनाने लगे हैं।

इससे पहले, सांसद अग्रवाल ने इसी बैठक में कहा कि कोयले की गैसीकरण तकनीक से ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं। इससे पर्यावरण संतुलन और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी महत्वपूर्ण मदद मिलेगी। कोयला मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति के सदस्य बृजमोहन अग्रवाल बैठक में कहा कि कोयला गैसीकरण तकनीक भारत की ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रक्रिया के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्रों में ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार कोयला गैसीकरण को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं विकास, बुनियादी ढांचे में निवेश और निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावी नीतियां बनाए।

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