रायपुर के धनेली जंक्शन में फ्लाईओवर… प्रदेश के 4 नेशनल हाईवे को पूरा फोरलेन बनाने की घोषणा कर गए गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री तथा छत्तीसगढ़ के बिलकुल नजदीक नागपुर से सांसद नितिन गडकरी की छत्तीसगढ़ में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की कोशिशें जारी हैं। शुक्रवार को कुछ घंटे के आए गडकरी ने सीएम विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरुण साव के आग्रह पर रायपुर के धनेली में एक और फ्लाईओवर की घोषणा कर दी। 8 माह में उन्होंने राजधानी के लिए चौथे फ्लाईओवर की घोषणा की है, इससे पहले रिंग रोड पर तीन और फ्लाईओवर के लिए फंड मंजूर कर चुके हैं। इसके अलावा धमतरी से जगदलपुर, कटघोरा से अम्बिकापुर और बिलासपुर से अकलतरा-रायगढ़ से ओडिशा बार्डर तक के नेशनल हाईवे भी फोरलेन किए जाएंगे। उन्होंने तीन सड़कों के वन टाइम इंप्रूवमेंट कार्यों की भी मंजूरी दी है। इस तरह, कुल मिलाकर गडकरी रायपुर में कुछ घंटे के भीतर कई सड़कों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए मंजूर कर गए हैं।
नितिन गडकरी ने शुक्रवार को ही इंडियन रोड कांग्रेस के 83वें अधिवेशन में दावा किया कि छत्तीसगढ़ में नेशनल हाइवे का नेटवर्क दो साल के अंदर अमेरिकन नेटवर्क के बराबर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सीएम साय ने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए जो भी मांगे रखी हैं, वे सब देंगे। उन्होंने उपरोक्त सड़कों के अलावा छत्तीसगढ़ में कुछ सिंगल लेन और टू लेन सड़कों के निर्माण के लिए भी राशि मंजूर की है। बता दें कि पूर्व में मंत्री गडकरी ने रिंग रोड 1 पर सरोना, उद्योग भवन और तेलीबांधा में फ्लाईओवर के लिए फंड मंजूर कर दिया था, अब धनेली जंक्शन में भी फ्लाईओवर के लिए भी राशि स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने सड़कों के निर्माण लिए केन्द्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) से 900 करोड़ रूपए देने की घोषणा भी की है।
हमारे बैम्बू क्रैश बैरियर को बताया बड़ा प्रयोग
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंडियन रोड कांग्रेस में आए इंजीनियर्स से कहा कि वे जनता का पैसा जितना बचा सकते हैं बचाएं, इसमें तकनीक बहुत काम आएगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में एक महत्वपूर्ण बात शुरू हुई है। हमने यहां से एक बैम्बू (बांस) क्रैश बैरियर बनाना आरंभ किया। इसमें स्टील यूज करने की जरूरत नहीं, यह इको फ्रेंडली है। आप पूरे छत्तीसगढ़ में लोहे के बजाय बैम्बू क्रैश बैरियर यूज करें। इससे गांव के किसानों को बांस के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। हमने पराली से बायो विटामिन बनाया है और इसका मेघालय में प्रयोग हो रहा है। अभी पानीपत में हमने पराली में एक हजार लीटर बायो विटामिन और बायो एविएशन फ्यूल बनाना शुरू किया। यह पराली अथवा पैरा से बनेगा तो छत्तीसगढ़ में बहुत बढ़िया काम हो जाएगा।