बीएसपी के 30 मकानों पर कब्जा… मर्डर, गोलीबारी, चाकूबाजी के 36 संगीन मामले… ईनामी बदमाश जोश के एनकाउंटर से संदेश- अपराधियों पर साय सरकार का जीरो टालरेंस

भिलाई के कुख्यात ईनामी तथा निगरानी बदमाश अमित जोश के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद शनिवार को नार्म्स के मुताबिक उसका पोस्टमार्टम शुरू हो गया। यह विशेषज्ञों की निगरानी में किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में 12 साल बाद किसी बदमाश को एनकाउंटर में ढेर करने का हौसला दुर्ग पुलिस ने एसपी जितेंद्र शुक्ला के मार्गदर्शन में जुटाया। एसपी शुक्ला ने बताया कि अमित जोश की बाडी पर फिलहाल गोलियों के दो विजिबल जख्म दिखे हैं, जबकि उसने पुलिस पर भागते हुए आधा दर्जन से ज्यादा गोलियां चलाई थीं। पोस्टमार्टम से और भी बातें साफ होंगी। बहरहाल, इस एनकाउंटर के साथ छत्तीसगढ़ अपराधियों के खिलाफ साय सरकार ने एक नया दौर शुरू कर दिया है। सरकार ने भिलाई एनकाउंटर से संदेश दे दिया है कि आदतन अपराधियों के खिलाफ पुलिस गी नीति जीरो टालरेंस की ही रहेगी।
कब्जे खाली करने की हिम्मत नहीं थी बीएसपी की
भिलाई में जिस बदमाश अमित जोश को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर किया, वह 14 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में दाखिल हुआ था और उसका क्रिमिनल रिकार्ड चौंकाने वाला है। उसके खिलाफ 36 केस रजिस्टर थे, वह भी धमकी-चमकी नहीं बल्कि मर्डर, जान से मारने की कोशिशें, गोलीबारी, चाकूबाजी और एक्सटार्शन जैसी गंभीर वारदातें। बीएसपी के तकरीबन 30 मकानों पर कब्जा कर अमित जोश इन्हें किराए से चला रहा था और बीएसपी प्रबंधन की हिम्मत नहीं थी कि एक मकान भी उससे खाली करवा सके। चार माह पहले वह ग्लोब चौक पर दो लोगों पर गोलियां चलाकर भागा था, तब पहली बार पुलिस ने महसूस किया था कि वह रुकने वाला नहीं है।
जोश की काली दुनिया को क्रश कर रही थी पुलिस
अमित जोश के अपराधों का काला चिट्ठा इतना बड़ा था कि पुलिस ने उसे क्रश करने की ठान ली थी। फरारी के बाद पुलिस ने एक तरफ उसकी तलाश में पूरी ताकत से जुटी थी, तो दूसरी ओर उसकी काली दुनिया को तबाह करने का सिलसिला भी शुरू कर दिया गया था। सबसे पहले पुलिस ने उन मकानों को किराएदारों से खाली करवाकर तोड़ा, जो अमित जोश ने कब्जा कर किराए से दे रखे थे। इसके बाद उसके घर को भी बुलडोज-आफ कर दिया गया। इसी सख्ती का नतीजा था कि ग्लोब चौक की वारदात के बाद वह गायब ही रहा।
तीन दिन पहले भिलाई आया, दिखा तीसरे दिन
सूत्रों के मुताबिक जोश तीन दिन पहले भिलाई आया था। बताते हैं कि वह जेल से छूटकर आए अपने जीजा से मिलने पहुंचा था। पर छिपकर फिर रहा था, इसलिए पुलिस को भनक नहीं लगी। शुक्रवार को तीसरे दिन भिलाई में उसकी मौजूदगी का पता चला, तब क्राइम ब्रांच ने उसके अड्डे और ठिकानों पर तलाश शुरू की। जयंती स्टेडियम के पास वह नजर आया। तब पुलिस ने उसे घेरना शुरू किया। लेकिन जोश को इसकी भनक लग गई और वह भागने लगा। इस दौरान उसने महंगे पिस्टल से तकरीबन आधा दर्जन फायर किए। तब पुलिस ने जवाब में तीन-चार गोलियां चलाईं। बताते हैं कि उसके शरीर पर दूर से गोली लगने के दो जख्म मिले हैं, जो उसकी मौत का कारण बने। उसका पोस्टमार्टम शनिवार को शाम तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद उसके शव को पुलिस परिजन को सौंपने की तैयारी कर रही है।