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छत्तीसगढ़ में पहली बार… शेयर ट्रेडिंग ठगी किराए के बैंक खातों से…इनके नंबर देशभर के 80 थानों की FIR में…हजारों खाते होल्ड

रायपुर की सायबर पुलिस ने टाटीबंध, रायपुर में रहनेवाले एक रिटायर्ड सिविल सर्जन से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 74 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी में भिलाई से दो साफ्टवेयर इंजीनियरों को गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ में पांच दर्जन बैंक खातों का पता चला, जिसमें ठगी की रकम जमा करवाई जाती थी। इनमें से ऐसे लाखों खाते हैं, जो ठगों ने पूरे देश में किराए से बांट रखे हैं और हर डिपाजिट-ट्रांसफर पर कमीशन लेते हैं। इन खातों के नंबर देशभर में शेयर ट्रेडिंग के नाम पर की गई ठगी की 80 अलग-अलग थानों में हुई एफआईआर में हैं। इनमें से एक खाते में रायपुर के रिटायर्ड सिविल सर्जन से 25 लाख रुपए जमा करवाए गए थे और खाताधारक को इसमें 3.20 लाख रुपए कमीशन भी दिया गया था। रायपुर सायबर पुलिस ने सभी खातों को होल्ड करने के लिए बैंकों से कम्यूनिकेशन किया है और हजारों खाते होल्ड किए जा चुके हैं।

भिलाई का आरोपी ही चला रहा था 10 खाते

शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी के सारे मामले हाईटेक ठगों के हैं, जो मोबाइल नंबर भी वर्चुअल ही चला रहे थे। इस मामले में पकड़ा गया भिलाई का विकास चंद्राकर भी ऐसे ही खाते किराए से लेकर उसमें रकम करवाता रहा है। इसी मामले के प्रमुख आरोपी आशीष साहू ने फर्जी आईडी बना-बनाकर विकास के नाम से 10 बैंकों में खाते खुलवाए थे और वह किराए के खाते भी अरेंज कर रहा था। रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने दो हफ्ते पहले एडवायजरी जारी की थी कि सायबर ठग हाईटेक तरीके से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर बड़ी ठगी कर रहे हैं। ठगी इतनी क्लीन है कि बहुत जानकार तथा पढ़े-लिखे लोगों को भी शक नहीं हो पाता कि वे सायबर ठगों के चक्र में आ गए हैं। रायपुर के रिटायर्ड डाक्टर ने 16 जुलाई को सायबर थाने में रिपोर्ट लिखाई कि उनसे शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 74 लाख रुपए ठगे गए हैं। सायबर पुलिस के एक्सपर्ट ने उन खातों और मोबाइल नंबरों की जांच शुरू की, जिनके जरिए ठगों ने रिटायर्ड डाक्टर के संपर्क किया था और पैसे जमा करवाए थे।

बैंक खातों की जांच से ही किया खुलासा

बैंक खातों की जांच करती हुई सायबर पुलिस ने सबसे पहले आशीष को दबोचा, जिसने बड़ी संख्या में खाते खुलवाए थे। उससे पूछताछ में विकास चंद्राकर का नाम आया, जो लोगों को शेयर ट्रेडिंग के झांसे में लेकर किराए के बैंक खातों में पैसे जमा करवा रहा था। छत्तीसगढ़ में किराए के बैंक खातों में पैसे जमा करवाने का यह पहला मामला सामने आए है। साइबर पुलिस ने जितने भी किराए वाले बैंक खातों का ब्योरा निकाला है, उसे गोपनीय रखा गया है। इस मामले में देशभर की पुलिस के समन्वय बनाया जा रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में किराए के और खाते भी एक्टिव हो सकते हैं। सायबर पुलिस ने आशीष साहू और विकास चंद्राकर से फिलहाल 10 कारें, 7 एटीएम कार्ड, 4 लैपटाप और 4 मोबाइल बरामद किए हैं। सायबर पुलिस ने अलग-अलग बैंकों से 8 लाख खाते होल्ड करने के लिए संपर्क किया है, जिनमें हजारों खाते फ्रीज किए जा चुके हैं।

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