डर पर सीएम व पूर्व सीएम आमने-सामने… सरकार को किसी का डर नहीं है- साय …हम भी किसी से डरनेवाले नहीं हैं- भूपेश

छत्तीसगढ़ की राजनीति में करीब 8 माह बाद पहला मुद्दा आया, जब गुरुवार को सीएम विष्णुदेव साय और पूर्व सीएम भूपेश बघेल आमने-सामने आ गए। मामला पूर्व सीएम भूपेश के साथ भिलाई में हुई बदसलूकी से जुड़ा था और भूपेश ने कहा था कि साय सरकार कांग्रेसियों से डर गई, इसलिए दमन कर रही है। इस बयान पर सीएम साय ताकतवर तरीके से सामने आए और कहा- सरकार को किसी से कोई डर नहीं है। जो कानून तोड़ेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, चाहे वह जो हो। सीएम के इस बयान पर पूर्व सीएम भूपेश ने शाम को एक्स पर पलटवार किया- …तो हम भी डरनेवाले नहीं हैं। गलत चीजों का विरोध करना हमारा हक है और करते रहेंगे।
छत्तीसगढ़ में पिछले 8 माह के दौरान विपक्ष के प्रमुख नेताओं में एक पूर्व सीएम भूपेश बघेल सरकार पर लगातार हमलावर हैं। लेकिन सीएम साय ने पहली बार सीधा जवाबी हमला किया है। गुरुवार को सीएम साय ने सरकार के खिलाफ बयानबाजी पर तेवर दिखाए। मीडिया ने उनसे जैसे ही सरकार के डरकर कार्रवाई करने के बयान पर प्रतिक्रिया चाही, सीएम साय ने सख्त तेवर दिखाए और कहा- सरकार को किसी का कोई डर नहीं है। अगर कोई कानून का उल्लंघन करेगा, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना ही पड़ेगा और प्रदेश में कानून का राज चलेगा। सीएम के इस तल्ख तेवर की मीडिया में दिनभर चर्चा रही।
डर के मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कुछ घंटे बाद पलटवार किया। मीडिया ने उनसे पूछा था कि सीएम साय ने कड़े शब्दों में कह दिया है कि जो भी कानून का उल्लंघन करेगा, छत्तीसगढ़ में उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस पर भूपेश ने भी तेवर दिखाए और कहा- सीएम साय कहते हैं कि कानून का राज चलेगा, तो क्या भिलाई में आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज करने के लिए कानूनन दंडाधिकारी से अनुमति ली गई थी। आंदोलनकारियों से मारपीट गुंडाराज है। हालांकि कांग्रेसी किसी भी तरह के दमन से डरनेवाले नहीं हैं। विरोध करना संवैधानिक हक है। सरकार कुछ भी करेगे, विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।
डर के आगे चिट्ठी…भूपेश ने लिखी सीएम को
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सीएम विष्णुदेव साय को एक चिट्ठी भी लिखी है। चिट्ठी की जानकारी उन्होंने खुद मीडिया को दी। चिट्ठी का मजमून पिछले दो दिन से भिलाई में चल रहे बवाल से संबंधित है। चिट्ठी में कानून-व्यवस्था को लेकर सरकारी तंत्र के साथ-साथ दुर्ग एसपी की कार्यशैली की आलोचना भी की गई है।