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जुआरी-सटोरियों के लिए बुरी खबर…अब ये भी ACB-EOW के दायरे में…फंसे तो जेल ही जाना पड़ेगा क्योंकि धाराएं अब अजमानती

नाल वसूलने के लिए घर में जुआ खिलाने वालों के पांव में ठुकेगी कानूनी नाल

छत्तीसगढ़ में जुआ खेलने वाले, क्रिकेट सट्टा खेलने वाले और पकड़े जाने पर नेताओं की सिफारिश पर मुचलके पर छूट जाने वालों के लिए बहुत बुरी खबर है। छत्तीसगढ़ ने जुआ एक्ट की सभी धाराओं में अब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लू) को भी जांच और कार्रवाई का अधिकार दे दिया है। अब तक जुए पर पुलिस की रेड होती थी, लेकिन अब एसीबी-ईओडब्लू न सिर्फ छापे मार सकेंगे, बल्कि गिरफ्तार कर कोर्ट में भी पेश कर देंगे। सीएम विष्णुदेव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ शासन ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। जानकार वकीलों का कहना है कि अब तक जुआरियों को अक्सर थाने से मुचलका मिल जाता था, लेकिन एसीबी-ईओडब्लू से यह सुविधा समाप्त हो जाएगी। चूंकि एसीबी-ईओडब्लू की कार्रवाई होगी, इसलिए उसी दिन जमानत मिल पाना भी लगभग असंभव हो जाएगा।

एसीबी और ईओडब्ल्यू को यह अधिकार मिलने से क्रिकेट सटोरियों के लिए भी बड़ी आफत आएगी। दोनों एजेंसियों क्रिकेट सटोरियों पर भी तेज और प्रभावी कार्रवाई कर पाएंगी। गौरतलब है, एसीबी-ईओडब्ल्यू अब तक केवल भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता से जुड़े मामलों में जांच करती रही है। इस अधिसूचना के प्रकाशन से एसीबी और ईओडब्ल्यू की जांच और कार्रवाई का दायरा और बढ़ गया है। गौरतलब है कि एसीबी और ईओडब्ल्यू को जुआ एक्ट के तहत जांच और कार्रवाई का अधिकार मिलने से इन मामलों की जांच एक ही विंग में होगी। जिससे जांच और आसान रहेगी।

जुआरी, जगह मालिक…7 साल कैद की सजा

छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम में ऑनलाइन जुए को शामिल किया गया है और इस मामले में दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा का प्रावधान तथा गैर जमानती धाराओं को शामिल किया गया था। अधिनियम में कार्रवाई के लिए कड़े प्रावधान करते हुए जुआ घर का स्वामी होना, जुआ खिलाना, ऑनलाइन जुआ खिलाना, विज्ञापन प्रतिषेध का उल्लंघन और कंपनी द्वारा अपराध को संज्ञेय तथा गैरजमानती अपराध बनाया गया है।

जुआघर में आनलाइन, डिवाइस भी जोड़े

छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 में जुआ घर की परिभाषा में ऑनलाइन जुआ प्लेटफार्म शब्द जोड़ा गया है। उपकरण की परिभाषा में इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, डिवाइस, मोबाइल एप, इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर ऑफ फंड्स शब्द जोड़े गये हैं। पुराने अधिनियम में ऑनलाइन जुआ के लिए दण्ड का कोई प्रावधान नहीं था। अब पृथक से दण्ड का प्रावधान किया गया है। जिसमें अधिकतम 3 वर्ष की जेल एवं 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। बार-बार अपराध के लिए अधिकतम 7 वर्ष तक जेल और 10 लाख रुपए तक का जुर्माने हो सकता है।

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