The Stambh Exclusive :1500 किमी व्यस्त बायपास उखाड़कर बनाए जाएंगे… इनमें बलौदाबाजार, महासमुंद, धमतरी के ज्यादा… सरकार से मरम्मत का बजट डबल, 2 हजार करोड़ जारी

छत्तीसगढ़ में बेहद खराब व्यस्त बायपास सड़कों के मामले में एक अहम खबर ये है कि पीडब्लूडी महकमे ने इन सड़कों का पूरा सरफेस उखाड़कर बेहद मजबूती से दोबारा बनाने का फैसला किया है। जिन बायपास के मीलों तक खराब होने की शिकायतें हैं, उनकी मरम्मत सरफेस उखाड़कर उसी तरह की जाएगी, जैसा काम राजधानी में रिंग रोड-3 पर किया गया है। इनमें प्रदेशभर के बायपास हैं, लेकिन ज्यादा सड़कें बलौदाबाजार, महासमुंद और धमतरी जिलों की हैं, जिनमें काफी ट्रैफिक है और हालत खराब हो गई है। ये सड़कें जरूरी हैं, इसलिए साय सरकार ने इनकी मरम्मत का बजट पिछले साल के 1 हजार करोड़ रुपए के मुकाबले इस बार बढ़ाकर 2 हजार करोड़ रुपए कर दिया है।
पीडब्लूडी मंत्री अरुण साव और सेक्रेटरी डा. कमलप्रीत सिंह ने प्रदेशभर के विभागीय अफसरों को इसकी जानकारी दे दी है। बायपास सड़कों की मरम्मत में इस बार अलग बात यही है कि जो सड़कें ज्यादा खराब हैं, वहां पैचवर्क नहीं होगा। बल्कि कई-कई किमी के खराब पैच वाली सड़कों की ऊपरी सतह पूरी तरह उखाड़ दी जाएगी। सड़कें उखाड़ने, उनका मटेरियल री-यूज करने तथा पूरे नए डामरीकरण की यह आधुनिक तकनीक सालभर पहले से अपनाई जा रही है। रायपुर में रिंग रोड-3 का लगभग 8 किमी पैच इसी तरह उखाड़कर बनाया गया है। यह सड़क बम्पी थी, लेकिन अब लगभग प्लेन हो गए है यानी गाड़ियों का डोलना लगभग खत्म हो गया है। इस निर्माण में भी पीडब्लूडी महकमा गुणवत्ता पर लगातार जांच के जरिए कंट्रोल रखेगा। जहां भी इस तरह की सड़कों की मरम्मत होगी, सिस्टम बनाया जा रहा है कि आधा-एक किमी के निर्माण की क्वालिटी की तत्काल जांच हो जाए, ताकि कोई छोटी-मोटी खामी हो तो उन्हें तुरंत सुधारा जा सके। सूत्रों के मुताबिक जिन व्यस्त बायपास सड़कों की हालत लगातार खराब हुई है, उसका एक कारण यह भी है कि ठेकेदार की परफार्मेंस गारंटी खत्म हो चुकी है। यानी ठेकेदारों काा मेंटेनेंस का जिम्मा खत्म हो चुका है और पिछले दो-तीन सालों से इन सड़कों पर काम नहीं होने से यहां के गड्ढे और बड़े हो रहे हैं। इन सड़कों की सूची बनाई जा रही है, साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि ऐसे बायपास में कितने किमी सड़कों को उखाड़कर बनाना होगा। यह लिस्ट अभी द स्तम्भ को नहीं मिली है।