भ्रष्टाचार-लापरवाही पर सीएम साय का जीरो टालरेंस… बीजापुर में ईई समेत कई पर होगी एफआईआर… हाउसिंग बोर्ड से भी 2 इंजीनियर सस्पेंड

सीएम विष्णुदेव साय ने लोक निर्माण समेत सभी तरह के निर्माण संबंधी विभागों के कार्यों में भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों पर अफसरों को लेकर जीरो टालरेंस की नीति अपना ली है। शुक्रवार को बड़ी खबर बीजापुर से आई है, जहां नेलसनार-मिरतूर रोड के 52 किमी निर्माण में मिली भारी गड़बड़ियों के खिलाफ तत्कालीन ईई समेत कुछ इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दे दिए हैं। मोवा ओवरब्रिज डामरीकरण में गड़बड़ी पर ईई समेत पांच इंजीनियरों को सीएम साय के जीरो टालरेंस वाले संकेतों के आधार पर ही सस्पेंड किया गया है। इसी तरह, मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर हाउसिंग बोर्ड के दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है। बताते हैं कि सीएम साय ने शुक्रवार को सुबह सीएम हाउस में सीएम के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह को निर्देश दिए थे कि निर्माण संबंधी विभागों में इंजीनियरों और अफसरों की लापरवाही पर जीरो टालरेंस अपनाते हुए कड़ा एक्शन लेने के निर्देश सचिवों को दिए जाएं। इसी के बाद बैक टू बैक एक्शन शुरू हुआ और शाम तक रायपुर से बीजापुर तक गड़बड़ी, भ्रष्टाचार, मिलीभगत, शासकीय राशि के अपव्यय और गुणवत्ताहीन कार्यों के दोषी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए।
पीडब्लूडी से मिली जानकारी के मुताबिक बीजापुर में 54.40 किमी लंबाई की नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर सड़क पर चल रहे काम के संबंध में गठित जाँच दल ने तीन दिन पहले रिपोर्ट दी थी। जांच रिपोर्ट में गड़बड़ियों के गंभीर होने एवं संबंधित अधिकारियों के मिलीभगत होने के कारण सड़क निर्माण में शासकीय राशि के अपव्यय, गबन, त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन प्रतिवेदन देने एवं ठेकेदार/निर्माण एजेंसी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार की बातें उजागर की गई हैं। इस आधार पर वहां के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता (ईई) बीएल ध्रुव, अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) आरके सिन्हा और उप अभियंता (सब इंजीनियर) जीएस कोड़ोपी तथा अन्य अधिकारियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश बस्तर के चीफ इंजीनियर को दिए गए हैं। नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग के कार्य के संबंध में गठित जाँच दल द्वारा बस्तर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता एवं बस्तर मंडल के अधीक्षण अभियंता के साथ विगत 8 जनवरी और 9 जनवरी को कार्यस्थल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान कई कमियां पाई गईं। शासन ने रिटायर होने के कारण तत्कालीन ईई ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जवाब भी मांगा है।
दो इंजीनियर सस्पेंड, ठेकेदार भी ब्लैकलिस्ट
इधर, आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल जगदलपुर के कार्यपालन अभियंता सी के ठाकुर और सहायक अभियंता नीरज ठाकुर को निर्माण कार्य में अनियमितताएँ पाए जाने पर तत्काल निलंबित कर दिया गया है। हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त कुंदन कुमार ने दो इंजीनियरों के निलंबन के साथ-साथ दुर्ग के ठेकेदार एनके कंस्ट्रक्शन दुर्ग को ब्लैकलिस्ट करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। गौरतलब है कि बीजापुर जिले के भैरमगढ़, भोपालपट्टम और उसूर (आवापल्ली) ब्लॉकों में जीएडी आवास भवनों के निर्माण कार्यों में मिली शिकायतों के बाद मुख्यालय स्तर पर जांच की गई। जांच में वित्तीय अनियमितताएं और कार्यों में विलंब पाया गया। इस आधार पर कार्रवाई की गई। मंत्री चौधरी ने कहा कि सीएम साय की भ्रष्टाचार तथा लापरवाही पर जीरो टालरेंस की नीति को अक्षरशः लागू किया जा रहा है।