जरूरी खबरः कार के फ्रंट शीशे यानी विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं, तो डबल शुल्क
एनएचएआई से दिशा-निर्देश जारी, नियम हर टोल नाके पर तत्काल प्रभाव से लागू
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अगर आपकी कार के विंडस्क्रीन यानी सामने वाले शीशे पर फास्टैग नहीं लगा है, तो अब से टोल नाके पर ऐसी कारों या गाड़ियों से डबल शुल्क लिया जाएगा। मान लिया जाए कि किसी टोल नाके पर एक बार गुजरने पर 50 रुपए देने पड़ते हैं, तो विंडस्क्रीन पर बिना फास्टैग वाली गाड़ियों को गुजरने के लिए 100 रुपए देने पड़ेंगे। यही नहीं, ऐसी गाड़ियों को टोल नाके पर आनलाइन दर्ज कर लिया जाएगा। अगर दो-तीन बार ऐसा होता है, तो आपकी गाड़ी ब्लैक लिस्ट में डाली जा सकती है, यानी हर बार शुल्क और बढ़ा दिया जाएगा। यह निर्देश गुरुवार शाम नेशनल हाईवे आफ इंडिया की ओर से गुरुवार शाम ही जारी किए गए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि फास्टैग जारी करनेवाले बैंकों को भी एडवाइजरी भेजी जाए कि जब वे फास्टैग जारी करते हैं, तो सुनिश्चित करना होगा कि कस्टमर इसे अपने गाड़ी के विंडस्क्रीन यानी सामने वाले शीशे पर ही चस्पा करे।
सामने के शीशे यानी विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं होने पर डबल शुल्क की एसओपी सभी टोल नाकों तथा टोल टैक्स संग्रहण करने वाली एजेंसियों को भेजी गई है, जिसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना है। यही नहीं, डबल शुल्क की सूचना हर टोल प्लाजा पर लगाई जाएगी। यह नियम केवल इसलिए लागू किया जा रहा है, क्योंकि विंडस्क्रीन पर फास्टैग लगाए बिना लेन में दाखिल होने वाले वाहनों की वजह से पीछे आ रही गाड़ियों को अनावश्यक विलंब और असुविधा होती है। ऐसी शिकायतें जगह-जगह से मिल रही हैं।
छत्तीसगढ़ समेत देशभर के 1000 नाकों पर लागू
नेशनल हाईवे ने जारी एसओपी में कहा कि कोई भी फास्टैग जो कार या अन्य गाड़ियों में मानक प्रक्रिया के अनुसार नहीं लगाया गया है, ऐसे वाहन को टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रानिक टोल संग्रहण यानी ईटीसी से लेनदेन करने का अधिकार नहीं होगा। उसे दोगुना शुल्क तो देना ही होगा, टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी में ऐसे हर वाहन को दर्ज किया जाएगा, ताकि देशभर में यह पता लगाया जा सके कि विंडस्क्रीन पर कितने लोग फास्टैग नहीं लगा रहे हैं। दूसरा, हर ऐसी गाड़ी का रिकार्ड आनलाइन रहने से यह भी क्लीयर हो जाएगा कि वाहन बार-बार यही गलती कर रहा है, या एकाध बार हो गई। जो वाहन बार-बार ऐसी गलती करता पाया जाएगा, लेन में दाखिल होते ही नंबर के हिसाब से टोल प्लाजा के कंप्यूटर पर उसका नंबर डिस्प्ले होने लगेगा, जिसमें यह जानकारी भी होगी कि कितने बार ऐसी गलती की गई। ज्यादा बार गलती करने पर ऐसे वाहन को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा, यानी उससे और ज्यादा शुल्क लिया जा सकता है। यह नियम छत्तीसगढ़ समेत देशभर में लगभग एक हजार टोल नाकों पर लागू कर दिया गया है।