सिरपुर विश्व धरोहर बनने से कुछ कदम दूर, डोजियर की तैयारी में आए ज्वाइंट डीजी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के ज्वाइंट डीजी डा. प्रवीण मिश्रा का दौरा
महासमुंद का सिरपुर परिसर, खासकर ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर अब यूनेस्को विश्व धरोहर बनने से कुछ कदम दूर है। इस परिसर का डोजियर तैयार करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के ज्वाइंट डायरेक्टर जनरल (अन्वेषण-उत्खनन) डा. प्रवीण कुमार मिश्रा तथा टीम ने सोमवार को सिरपुर का दौरा किया है। सिरपुर में छठी शताब्दी के पुरातात्विक स्थल हैं और यह परिसर प्राचीन मंदिरों, मठों और शिलालेखों का घर है। डा. मिश्रा के साथ सिरपुर के विकास को लेकर बड़ी बैठक भी हुई। इसमें सिरपुर साडा के सीईओ वाई राजेंद्र राव, भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय के छत्तीसगढ़ नोडल मयंक दुबे और एएसआई, जबलपुर सर्कल के पुरातत्वविद शिवम दुबे भी शामिल हुए।
सिरपुर एसएडीए टीम ने क्षेत्र में चल रहे अनुसंधान और दस्तावेज़ीकरण के बारे में प्रजेंटेशन दिया। निष्ठा जोशी ने नामांकन प्रक्रिया के लिए आवश्यक विशिष्ट मानदंडों और उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य (ओयूवी) पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रारंभिक प्रजेंटेशन का नेतृत्व किया। शिवम दुबे ने सिरपुर में नवीनतम पुरातात्विक खोजों को प्रजेंट किया और आगे की खुदाई और अध्ययन की आवश्यकता पर जोर दिया। तरुण नई द्वारा सिरपुर की समृद्ध जैव विविधता प्रस्तुत की। गौरव तारक ने अगले दशक के लिए सिरपुर का मास्टर डेवलपमेंट प्लान प्रस्तुत किया। मयंक दुबे ने पर्यटन और पर्यटक प्रबंधन योजना का प्रजेंटेशन किया और बताया कि सिरपुर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा देने से पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। इस दौरान हुई बैठक में शिवम त्रिवेदी, शशि प्रताप, जीवन वर्मा और अंशू शुक्ला ने भी भाग लिया। डॉ. मिश्रा ने सिरपुर में प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर, गंधेश्वर मंदिर और बौद्ध विहार का भ्रमण किया। उन्होंने सिरपुर साडा द्वारा बांसकुड़ा ग्राम में चलाए जा रहे बांस शिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम केंद्र का भी दौरा किया।