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माओवादियों की पुरानी राजधानी को 1 हजार जवानों ने घेरा, मुठभेड़ में 12 को मार गिराया

लेंगू, पापाराव, चैतू समेत कई माओवादी कमांडरों की मौजूदगी थी, भाग निकले

माओवादियों की पुरानी राजधानी माने जाने वाले गंगालूर में पीडिया की पहाड़ियों को बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के 1 हजार से ज्यादा जवानों ने घेरा और बड़ा कांबिंग आपरेशन चला दिया। चारों ओर से घेरकर की गई ताबड़तोड़ गोलीबारी में 12 माओवादी मारे गए हैं। आला अफसरों के मुताबिक सभी के शव मिल गए हैं। दरअसल पिछले कुछ दिन से चल रही बड़ी मुठभेड़ों की वजह से माओवादियों के कुछ दिन पहले ही अपने पुराने सुरक्षित ठिकाने पीडिया में लौटने की सूचना मिली थी। पीडिया दक्षिण बस्तर के तीनों जिलों बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा की सीमाओं पर है। इस वजह से कल शाम को सर्चिंग करती हुई डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा की तीनों जिलों की कमांडों टीमों ने पीडिया को घेरा है। सूचना यह भी थी कि इस कैंप में माओवादियों के शीर्ष कमांडर लेंगू,  पापाराव, चैतू और पोड़ियम भी कैंप में हैं। पिछले महीने बीजापुर में दोनों एक और बड़ी मुठभेड़ के दौरान भी इनमें से कुछ कमांडर फंसे थे, लेकिन भाग निकलने में सफल रहे थे। इस बार भी अब तक इनके बारे में पुख्ता खबर नहीं है कि फोर्स के बड़े घेरे के बीच फंसे हैं या फिर भागने में कामयाब हो गए हैं। सर्चिंग के दौरान फोर्स ने भारी मात्रा में गोलाबारूद, हथियार और नक्सल साहित्य बरामद किया हैा।

बीजापुर मुठभेड़ पर पुलिस की ओर से जारी अधिकृत जानकारी के मुताबिक फोर्स को गुरुवार को सुबह सूचना मिली थी कि माओवादियों की तीन-चार पार्टियों की पीडिया में हलचल देखी गई है और माओवादी वहां ठिकाना बनाने की फिराक में हैं। यह भी बताया गया था कि माओवादियों की पार्टियां मुठभेड़ों की वजह से इंद्रावती और नारायणपुर इलाके से बचती हुई पीडिया पहुंची थीं। इस सूचना के बाद बीजापुर से करीब 400 डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा कमांडों भेजे गए। बताते हैं कि इसी दौरान दंतेवाड़ा और सुकमा से भी इतने-इतने ही जवान सर्चिंग करते हुए पहुंच गए और पीडिया को घेर लिया। इतनी बड़ी घेराबंदी और फायरिंग की वजह से माओवादी फोर्स के आगे टिक नहीं पाए। ताबड़तोड़ फायरिंग के बीच ही सर्चिंग चली, जिसमें 12 माओवादियों के शव मिल गए। शवों को बीजापुर लाकर इनकी पहचान करवाई जाएगी।

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