इंद्रावती पर तीन समेत बस्तर में 20 पुलों का काम तेज… पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत ने जगदलपुर में ली बैठक… सभी विभाग अपने काम की समीक्षा वहीं करेंगे

बस्तर को लेकर सीएम विष्णुदेव साय की सरकार की नीति में बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। सीएम ने दो दिन तक बस्तर में कैंप कर वहां की जरूरतों और दिक्कतों पर मंथन किया था। बस्तर में लोगों की सुविधा के लिए सरकार के जो विभाग वहां योजनाओं पर काम कर रहे हैं, अब ऐसे विभागों ने भी बस्तर जाकर कामकाज की निगरानी शुरू कर दी है। सरकार ने पूरे बस्तर में इंद्रावती से लेकर दूसरी ऐसी नदियों पर 20 पुलों का काम कर दिया है, जो बारिश में बड़े इलाके को शेष बस्तर से नहीं कटने देंगे। इनमें तीन बड़े पुल इंद्रावती नदी पर और अधिकांश धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं। सभी पुल आम लोगों के लिए बनाए जा रहे हैं, लेकिन इनमें से कुछ का सामरिक महत्व भी है, यानी फोर्स के मूवमेंट के लिए इनसे काफी सहूलियत होने वाली है। इन पुलों की कामकाज की समीक्षा पीडब्लूडी सेक्रेटरी आईएएस डा. कमलप्रीत सिंह ने बस्तर जाकर की है, जिसमें पीडब्लूडी महकमे के तमाम आला अफसर शामिल हुए। माना जा रहा है कि सीएम साय और सीएम सचिवालय की मंशा यह है कि सभी विभागों को बस्तर में चल रहे कामकाज की वहीं जाकर समीक्षा करना चाहिए और इस तरह निगरानी करना चाहिए कि ये समय पर पूरे हों और क्वालिटी से किसी तरह का कंप्रोमाइज नहीं हो सके। बस्तर में हुई समीक्षा बैठक में क्वालिटी को लेकर आगाह करने के लिए बैठकों में इन ठेकेदारों को भी बुलाया गया था, जो यह काम कर रहे हैं। सेक्रेटरी ने सभी ठेकेदारों से स्पष्ट कह दिया है कि काम में देरी हुई या क्वालिटी पर कंप्रोमाइज किया गया, तो इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सेक्रेटरी डा. कमलप्रीत सिंह ने बैठक में इंद्रावती समेत सभी 20 पुलों के काम की प्रगति का एक-एक कर अफसरों और ठेकेदारों से हिसाब लिया। बैठक में साफतौर पर कहा गया कि जून में बस्तर में बारिश शुरू हो जाएगी और बड़ी नदियों के साथ-साथ नाले भी इस तरह बहने लगेंगे कि कई इलाकों का शेष प्रदेश से संपर्क कट जाएगा। इसलिए काम इस तरह का होना चाहिए कि अधिकांश पुल इससे पहले ही तैयार हों, ताकि लोगों को कनेक्टविटी मिले और फोर्स का मूवमेंट भी बना रहे। बैठक में लोक निर्माण विभाग के ईएनसी वीके भतपहरी, बस्तर के चीफ इंजीनियर जीआर रावटे, सीई (सेतु निर्माण) एसके कोरी और सीई (ईएंडएम) टीआर कुंजाम समेत समूचे बस्तर के इंजीनियर और ठेकेदार मौजूद थे। बैठक में भारतमाला परियोजना की सड़क से मिलने वाले रोड और दस साल से ज्यादा पुरानी स्टेट की सड़कों के निरीक्षण और मरम्मत भी बारिश से पहले करने करे निर्देश दिए गए हैं। बैठक में लोक निर्माण विभाग के ईएनसी वीके भतपहरी, बस्तर के चीफ इंजीनियर जीआर रावटे, सीई (सेतु निर्माण) एसके कोरी और सीई (ईएंडएम) टीआर कुंजाम समेत समूचे बस्तर के इंजीनियर और ठेकेदार मौजूद थे।