देश-विदेश

वंदेभारत स्लीपर बहुत सुंदर…किराया भी राजधानी जितना ही संभव…लेकिन छत्तीसगढ़ में ट्रेनें ज्यादा चलती कहां हैं…

वंदेभारत स्लीपर में होंगी ये सुविधाएं

  • बोगियों के बाहरी दरवाजे आटोमेटिक
  •  ऑस्टेनिटिक स्टेनलेस स्टील ट्रेनसेट
  • सुरक्षा के लिए दुर्घटना-रोधी विशेषताएं
  • GFRP पैनलों के साथ सर्वश्रेष्ठ इंटीरियर
  • प्रथम एसी कार में गर्म पानी से स्नान
  • USB चार्जिंग, एकीकृत रीडिंग लाइट
  • सामान रखने के लिए बड़ा लगेज रूम

जिस तरह की ट्रेनें यूरोप या जापान में नजर आती हैं, वंदेभारत सीरीज की नई स्लीपर ट्रेन वैसी ही रहने वाली है। सबसे पहली बात यह है कि ट्रेन का लुक एरोडायनमिक होगा, जो इसे बाहर से ही बेहद खूबसूरत बना रहा है। दूसरा, बोगियों के डोर आटोमेटिक रहेंगे। ट्रेन 160 की स्पीड से चलेगी। सोने के लिए बर्थ होंगे, फर्स्ट एसी में नहाने के लिए गर्म पानी का पूरा सिस्टम बनाया गया है। और भी बहुत सारे फीचर्स हैं और इसका किराया भी राजधानी एक्सप्रेस जितना रह सकता है। लेकिन छत्तीसगढ़ के लोगों को शायद इस खबर या ट्रेन में बहुत ज्यादा रुचि न हो, क्योंकि पैसेंजर्स का बड़ा वर्ग यहां आए दिन ट्रेनें कैंसिल होने से बुरी तरह परेशान है।

भारतीय रेल जल्दी ही वंदेभारत स्लीपर का संचालन शुरू कर देगी। यह भी पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर है। पैसेंजर सेफ्टी के साथ-साथ लोको पायलट और अटेंडेट्स की सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है। ट्रेन टक्कर रोधी कवच प्रणाली से लैस है। इंटीरियर काफी आकर्षक है। USB चार्जिंग प्रावधान के साथ एकीकृत रीडिंग लाइट, सार्वजनिक घोषणा और विजुअल इन्फॉर्मेशन प्रणाली, इनसाइड डिस्प्ले पैनल और सिक्योरिटी कैमरे व मॉड्यूलर पैंट्री की सुविधा है। दिव्यांगों यात्रियों के लिए विशेष बर्थ और शौचालय बनाए गए हैं। फर्स्ट एसी में गर्म पानी के शॉवर की सुविधा भी है।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल जल्द शुरू होने वाला है। इन्हें लंबे रेल रूट्स पर संचालित किया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज बेंगलूरु में उत्पादन इकाई का दौरा किया और वहां वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट के उत्पादन का निरीक्षण किया। इस दौरान केंद्रीय रेल राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना भी उनके साथ मौजूद रहे। रेल मंत्री ने वंदे भारत स्लीपर के उत्पादन में कार्यरत कर्मचारियों से बातचीत की और उनका उत्साहवर्धन भी किया।

एक माह में छत्तीसगढ़ में 371 ट्रेनें कैंसिल

जहां तक छत्तीसगढ़ का सवाल है, ट्रेनों को लेकर यहां स्थिति अजीब है। पिछले एक ममाह में 371 ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं। इनके रद्द होने से 6 लाख लोग सीधे प्रभावित हुए हैं, यानी ट्रेन कैंसिल होने की दशा में उन्हें या तो यात्रा रद्द करनी पड़ी है, या फिर दूसरे साधन का इस्तेमाल करना पड़ा है। शनिवार को ही एक साथ 18 ट्रेनें और कैंसिल की गई हैं। छत्तीसगढ़ में ज्यादातर पैसेंजर ट्रेनों को मालगाड़ियों की वजह से रद्द किया जा रहा है। चूंकि यह मामला विपक्षी दल उठाते हैं, इसलिए रेलवे की कोशिश रहती है कि पैसेंजर्स की मुसीबत देखने के बजाय इसे पालिटिकल मुद्दा करार दिया जाए।

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button