रायपुर-दुर्ग-नांदगांव के हजारों घरों में रात 11 बजे तक लाइट गोल… काली आंधी में उड़े तार-खंभों को बना रहे हैं बिजली कर्मी… सीएम साय-चेयरमैन सुबोध की सीधी मानिटरिंग

(तस्वीर रायपुर की। आधा उजाला आधा अंधेरा)
यह खबर रात करीब पौने 11 बजे लिखी जा रही है और इस वक्त तक राजधानी रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव जिलों और लगे इलाकों में लाखों घर अंधेरे में डुबे हुए हैं। जिन स्थानों में बिजली सप्लाई बहाल हुई है, उनकी किस्मत अच्छी है कि तूफान से उनरकी लाइनों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। वर्ना हालात ऐसे हैं कि राजधानी में ही 50 हजार से ज्यादा घरों में बिजली पहुंचाने वाले हाई वोल्टेज तारों को कहीं पुराने पेड़ों और कहीं शेड-होर्डिंग्स और डंगालों ने इस तरह टुकड़े-टुकड़े किया है कि सुधारने में भारी दिक्कतें आ रही हैं। बिजली महकमा, नगर निगम तथा अन्य स्थानीय एजेंसियों के लिए आज की रात इमरजेंसी से कम नहीं है। हालात ये है कि रात 8 बजे से सीएम विष्णुदेव साय और उनके सचिवालय ने इस काम को अपने हाथों में ले लिया है। सीएम के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह बिजली कंपनी के चेयरमैन भी हैं और दोनों ही इस खबर के लिखे जाने तक मानीटरिंग कर रहे हैं। रायपुर और दुर्ग संभाग के सारे बिजली अफसर गांव-गांव में सुधार की खबर ले रहे हैं और सीधे सीएम को बता रहे हैं कि कहां बिजली चालू हुई, कहां एक-दो घंटे में आन हो जाएगी और कहां रातभर शुरू नहीं हो पाएगी। द स्तम्भ को जो सूचना मिली है, उसके मुताबिक राजधानी रायपुर में ही हजारों घरों वाले कई पैचेस में पूरी रात बिजली आना मुश्किल है क्योंकि तार बुरी तरह टूटे हैं जिन्हें सुधारना मुश्किल हो रहा है।
बिजली अमले ने तूफान के तुरंत बाद यानी रात करीब साढ़े 7 बजे तक राजधानी में काफी हिस्से की बिजली बहाल कर दी, लेकिन कई जगह अब भी अंधेरा है। काली आंधी की सर्वाधिक तीव्रता रायपुर और आसपास थी। रायपुर शहर मे राठौर चौक मे हनुमान मंदिर सहित अनेक स्थानों पर पेड़ गिरने से 33 के वी लाइन टूटी हैं। बलौदा बाजार और भाटापारा मे अनेक स्थानों पर पेड़ और उड़ी छतों का मलबा तारों-खंभों पर पड़ा है। दुर्ग में 132 केवी तार टूटने से स्क्रैप यार्ड में आग भी लगी थी, जो अभी बुझी है। बेमेतरा, साजा, धमधा, पाटन, गुंडरदेही , बालोद, चरोदा और दुर्ग मे बिजली सप्लाई का 33 केवी नेटवर्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है, लेकिन इस वक्त तक अधिकांश हिस्सा सुधारकर बिजली चालू कर दी गई है। राजनांदगांव में पारीनाला के पास 132 केवी लाइन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई, लेकिन रात 10 बजे तक बिजली बहाल हो गई है। राजनांदगांव शहर में बिजली रात 11 बजे तक चालू कर दी गई है। चिल्फी और झलमला के पास जंगल में तार टूटा है, जिससे बड़े इलाके में बिजली बंद है। सूत्रों के मुताबिक यह कल सुबह तक ही सुधारी जा सकेगी। राजधानी रायपुर में अब भी तकरीबन 20 फीसदी हिस्से में बिजली बंद है और तार जोड़े जा रहे हैं। रात 11 बजे से 3 बजे तक राजधानी के हर इलाके में बिजली सप्लाई बहाल किए जाने की उम्मीद है।