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पूरी कांग्रेस पूर्व मंत्री अकबर के पक्ष में उतरी… भूपेश-बैज बोलेः सुसाइड नोट में अचानक नाम आना घिनौनी साजिश

प्रभावशाली पूर्व मंत्री तथा दिग्गज कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर के खिलाफ डौंडीलोहारा थाने में की गई एफआईआर के खिलाफ पूरी कांग्रेस मोर्चे पर आ गई है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने एफआईआर में मोहम्मद अकबर का नाम लाए जाने पर ही गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि मृतक हेडमास्टर ने थाने में जो आवेदन दिया था, उसमें पूर्व मंत्री का कहीं नाम नहीं है। अचानक सुसाइड में नाम आ गया, जिसमें मृतक के हस्ताक्षर भी नहीं है। हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की राय लिए बिना पुलिस कैसे एफआईआर कर सकती है। यह सरकार का घिनौना राजनैतिक षड्यंत्र है। प्रदेश कांग्रेस दीपक बैज ने भी सरकार पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि यह भाजपा का राजनैतिक षड्यंत्र है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल, फिर देवेंद्र यादव और अब मोहम्मद अकबर… भाजपा सरकार कांग्रेसियों पर झूठे मुकदमे दर्ज करने में लगी है। बैज ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए पूर्व मंत्री मोहम्मद समेत कांग्रेस नेताओं के खिलाफ घिनौनी साजिशें कर रही है।

पूर्व सीएम भूपेश ने बिना हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराए एफआईआर पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि सरकार इतनी जल्दी में क्यों हैं। कभी मेरे खिलाफ कार्रवाई करते हैं, कभी शिव डहरिया और देवेंद्र यादव और अब पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के खिलाफ साजिश रची गई है। यह हमारे कांग्रेस नेता के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर करने का और जेल भेजने और गिरफ्तार करने और उसके खिलाफ दुष्प्रचार है, और सरकार यही काम कर रही है। भूपेश ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के खिलाफ साजिशें इसलिए की जा रही हैं, ताकि वह अपनी नाकामी छिपा सके, क्योंकि सरकार हर मोर्चे पर फेल है।

अकबर के खिलाफ मुकदमा साजिशीः कांग्रेस

कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अकबर के खिलाफ एफआईआर को भाजपा सरकार का राजनैतिक षड़यंत्र करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता मो. अकबर के खिलाफ भाजपा सरकार ने गलत और विद्वेषपूर्वक मुकदमा दर्ज कराया है। भाजपा सरकार काम नहीं कर पाने के लिए बदनाम हो रही है, इसलिए खीझ में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ षड़यंत्रपूर्वक झूठे मुकदमे दर्ज कर रही है। दीपक बैज ने दोहराया कि इस मामले में कहीं भी पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर का नाम नहीं था। फिर अचानक एक सुसाइड नोट आता है, जिसमें न नाम है, न तारीख है और न ही कोई दस्तखत। बिना जांच के इस संदिग्ध पत्र के आधार पर पूर्व मंत्री पर एफआईआर दर्ज कर दी जाती है। यह भाजपा के प्रशासनिक आतंकवाद और दमनकारी नीतियों का प्रमाण है। पीसीसी अध्यक्ष बैज ने कहा कि अगर हेडमास्टर के आवेदन पर नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपियों पर समय रहते कार्यवाही कर लेते, सभी को गिरफ्तार कर लेते तो पीड़ितों को भी न्याय मिल गया होता और हेडमास्टर देवेंद्र को भी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाना पड़ता।

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