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देश की बैटरी को हमारा लीथियम पावर सालभर में, परफार्मेंस सिक्योरिटी जमा की कंपनी ने, सीएम बोले- शीघ्र खुलेगी खदान

देश में छत्तीसगढ़ ऐसा पहला प्रदेश होगा, जहां से सालभर के भीतर बैटरियों की जान यानी लीथियम का व्यावसायिक खनन शुरू होने की उम्मीद बन गई है। कटघोरा की करीब 300 हेक्टेयर लीथियम खदान केंद्र सरकार ने जिस माइनिंग कंपनी मैकी को आवंटित की है, उसने 1.5 करोड़ रुपए की परफार्मेंस रायल्टी छत्तीसगढ़ शासन के पास जमा कर दी है। इसी के साथ माइनिंग विभाग इसी महीने मैकी कंपनी को लैटर आफ इंटेन्ट (एलओआई) जारी कर देगा। अधिकतम छह माह में कागजी तथा वन समेत अन्य विभागों से तालमेल की  प्रक्रिया पूरी करके कंपनी को प्रास्पेक्टिंग लाइसेंस जारी किया जाएगा। प्रास्पेक्टिंग के बाद कंपनी कुछ शर्तें पूरी कर माइनिंग शुरू करेगा, जिसमें तीन-चार माह लगेंगे। खनिज सचिव आईएएस पी दयानंद के साथ समीक्षा के बाद इसीलिए सीएम विष्णुदेव साय ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि हमारी लीथियम खदान जल्दी ही खुल जाएगी।

देश में लीथियम जम्मू-कश्मीर में पहले ही मिल चुका है। वहां माइनिंग के टेंडर बुलाए गए थे, लेकिन किसी माइनिंग कंपनी ने कई कारणों से रुचि ही नहीं दिखाई। अब माना जा रहा है कि अगले एक-दो साल तक वहां से लीथियम का खनन शुरू नहीं हो पाएगा। राजस्थान में भी लीथियम मिला है, लेकिन वहां भी व्यावसायिक खनन में काफी समय है। इसलिए छत्तीसगढ़ की कटघोरा ही देश की पहली लीथियम खदान होगी, जहां से लीथियम का खनन शुरू होगा और देश की तमाम बैटरी कंपनियां पूरी तरह आयात के भरोसे नहीं रहेंगी। उन्हें स्वदेशी लीथियम मिलने लगेगा। यह देश के बैटरी उद्योग को भी बड़ी ऊर्जा प्रदान करनेवाला होगा।

कटघोरा की ग्रेफाइट राक्स में काफी लीथियम 

पूर्व में किसी भी खदान के पूर्वेक्षण और माइनिंग के लिए अलग-अलग लाइसेंस जारी होते थे। द स्तंभ को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक यह सिस्टम बदल गया है। अभी एक साथ कंपोजिट लाइसेंस जारी हो जाता है। सूत्रों के अनुसार मैकी कंपनी को 3 साल का कंपोजिट लाइसेंस मिलेगा, जिसे दो साल और बढ़ाया जा सकता है। इस दौरान कंपनी पूर्वेक्षण करेगी, जिससे पता चलेगा कि कटघोरा की ग्रेफाइट राक्स में लीथियम का कितना भंडार है। लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक जो रिजल्ट आए हैं, वह बताते हैं कि व्यावसायिक उत्खनन के लायक लीथियम यहां की खदान में है। अफसरों ने बताया कि खुदाई शुरू होगी तो जो भी निकलेगा, रायल्टी तथा दूसरे प्रक्रियागत खर्च के आलावा लीथियम के एवज में कंपनी छत्तीसगढ़ शासन को उतनी रायल्टी अदा करेगी।

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