27 कछुओं से मौत पर ऐसा गुस्सा कि रतनपुर शहर ही बंद… कछुओं की सुरक्षा को लेकर लोग उग्र, कार्रवाई पर भी सवाल

बिलासपुर में धर्म नगरी रतनपुर के एक तालाब में कछुओं की लगातार मौत को लेकर बवाल मच गया है। लोग इतने गुस्से में हैं कि कछुओं की मौत और कार्रवाई के मुद्दे पर सोमवार को रतनपुर बंद करवा दिया गया। कछुओं की मौत का सिलसिला 25 मार्च को शुरू हुआ था। कुछ दिन बाद 4 और कछुए मृत पाए गए तो लोग उबल गए। इस मामले में रतनपुर के लोग वन अफसरों की भूमिका को लेकर भी गुस्से में हैं। उनका कहना है कि कछुओं की लगातार मृत्यु हो रही है, लेकिन वन विभाग केवल लीपापोती में लगा है। हालात ये हैं कि कछुओं की मौत को लेकर निष्पक्ष जांच की मांग भी उठी है।

जिस तालाब में कछुओं की मौत हो रही है, वह मंदिर ट्रस्ट का है। पहली बार कछुए मृत मिले थे, तब वहां जाल भी था। इस मामले में वन विभाग ने दो मछुआरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, तीन और लोगों की तलाश जारी है। इसमें मंदिर ट्रस्ट के एक उपाध्यक्ष का नाम भी आया है। कछुओं की मौत को लेकर तालाब के पानी की क्वालिटी पर कोई सवाल नहीं है। सूत्रों के मुताबिक तालाब की सफाई का फैसला लिया गया था, उसके बाद से दो बार मृत कछुए मिल चुके हैं। ज्यादातर मृत कछुए आकार में बड़े हैं, अर्थात ये काफी साल से तालाब में ही थे। इस मुद्दे पर रतनपुर के लोगों ने सोमवार को बंद की घोषणा की थी। आज सुबह से ही रतनपुर की अधिकांश दुकानें स्वस्फूर्त बंद थीं। जो खुली थीं, उन्हें लोगों ने घूम-घूमकर बंद करवा दिया। इस दौरान किसी भी तरह के विवाद नहीं हुआ, क्योंकि बताते हैं कि शहर के अधिकांश लोग इतनी बड़ी संख्या में मौत से व्यथित हैं। छत्तीसगढ़ में यह पहला मामला है, जब कछुओं की मौत को लेकर शहर बंद करवा दिया गया है।