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राजस्थान सीएम भजन की पोस्ट से छत्तीसगढ़ में सियासी तूफान…सीएम साय तुरंत बोले- उन्हें पता नहीं होगा

छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई पिछले दो-तीन साल से बेहद ज्वलनशील मुद्दों में से एक है और अब भाजपा की राजस्थान सरकार के सीएम भजनलाल शर्मा का एक सोशल मीडिया पोस्ट घी का काम कर गया है। सीएम भजन ने इस पोस्ट में छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय को यह कहकर धन्यवाद दिया है कि यहां की सरकार ने हसदेव अरण्य कोलफील्ड में दो खदानों की वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति दे दी है। वनभूमि में माइनिंग की अनुमति देने का आशय बड़े पैमाने पर पेड़ कटना है, इसलिए विपक्षी दल कांग्रेस, खासतौर पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल इसी पोस्ट का हवाला देकर प्रदेश सरकार पर टूट पड़े हैं। हालांकि सीएम विष्णुदेव साय ने ऐसी किसी अनुमति पर आश्चर्य जताते हुए दो-टूक कहा है कि उनकी सरकार ने हसदेव अरण्य और कोयला खदानों को लेकर कोई फैसला या अनुमति तो दूर, विचार नहीं किया है। सीएम भजन की पोस्ट पर सीएम साय ने कहा- हो सकता है कि उनकी जानकारी में नहीं होगा, या गलती से ऐसी पोस्ट अपलोड कर दी गई।

इस मामले की शुरुआत राजस्थान के सीएम भजनलाल की जिस पोस्ट से शुरू हुई है, वह इस तरह है- सतत बिजली आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है राजस्थान सरकार… छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्थान के विद्युत ग्रहों के लिए कोयले की आपूर्ति हेतु हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालिक परसा ईस्ट एवं कांता बेसिन कोल ब्लाक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान किए जाने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का समस्त राजस्थान परिवार की ओर से हार्दिक धन्यवाद…। बुधवार को नई दिल्ली रवाना होने से पहले सीएम साय से मीडिया ने इस पोस्ट को लेकर सवाल किया तो उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ऐसे किसी विषय पर अनुमति तो दूर, विचार नहीं किया है। हसदेव अरण्य को लेकर जितने भी फैसले लिए गए, सब पिछली सरकार के हैं। जहां तक राजस्थान के सीएम की पोस्ट की बात है, उन्हें जानकारी नहीं होगी या फिर गलती से ऐसी पोस्ट हुई होगी। सीएम साय की बेहद सधे हुए शब्दों में यह प्रतिक्रिया इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि राजस्थान में भी भाजपा की ही सरकार है।

भूपेश ने सबसे पहले दागी पोस्ट, फिर बैज भी कूदे

इधर, राजस्थान सीएम की पोस्ट का हवाला देकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सबसे पहले मोर्चा खोला। उन्होंने सीएम भजन की पोस्ट का हवाला देकर बुधवार को सुबह पहली पोस्ट दागी- छत्तीसगढ़ को रेगिस्तान में बदलने की साजिश की गई है। राजस्थान के सीएम की पोस्ट पढ़िए। भूपेश ने आगे लिखा कि उनकी सरकार ने छत्तीसगढ़ के जंगलों को बचाने को प्राथमिकता दी थी, इसलिए सारी अनुमतियां रोककर रखी गईं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, इसके बावजूद हम कोयले के मामले में दबाव में नहीं आए। हमने एलीफेंट कारीडोर बनाकर खदानें और जंगल बचाया। केंद्र सरकार से ही अनुरोध किया कि 39 खदानों को नीलामी सूची से हटा दिया जाए। पूर्व सीएम भूपेश ने पोस्ट में यह भी कहा कि भाजपा और अडानी मिलकर हरे-भरे छत्तीसगढ़ को रेगिस्तान में बदलना चाहते हैं। भूपेश के इस हमले के कुछ घंटे बाद पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज भी सरकार के खिलाफ मैदान में उतर गए हैं। उधर, एनजीओ तथा पर्यावरण से जुड़े संगठन भी इस पूरे मामले की खोजबीन में जुट गए हैं।

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