शासन

नीति आयोग का सहयोगी दलों के 5 सदस्यों से बदला सा नजारा…सीएम साय कल इसी में रखेंगे छत्तीसगढ़ की बात

सीएम की घोषणाः अग्निवीर युवाओं को देंगे सीजी पुलिस की नौकरी में आरक्षण

पिछले एक दशक से नीति आयोग में आमतौर से भाजपा के ही अधिकांश मंत्री सदस्य रहे, लेकिन इस बार मोदी 3.0 में नीति आयोग कुछ बदला-बदला सा है। पीएम नरेंद्र मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष हैं, पर पुनर्गठित आयोग में इस बार केंद्र सरकार के सहयोगी दलों की ओर से एचडी कुमारस्वामी, जीतनराम मांझी और राजीव रंजन (ललन) सिंह, चिराग पासवान और के राममोहन नायडू को भी जगह दी गई है। पुनर्गठित नीति आयोग की शनिवार को दिल्ली में बैठक होने जा रही है। अलग-अलग राज्यों से सहयोगी दलों के पांच सदस्य हैं, जाहिर है कि उनसे जुड़े राज्यों की ओर से आयोग के समक्ष इस बार स्ट्रांग प्रजेंटेशन रहेगा। नई परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ से सीएम विष्णुदेव साय भी बैठक में शामिल रहेंगे और छत्तीसगढ़ की बात रखेंगे। वे अपने साथ दोनों डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा को लेकर शुक्रवार को देर शाम नई दिल्ली रवाना हो गए।

बता दें कि नीति आयोग का गठन 2015 में हुआ था। पीएम मोदी सरकार ने योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग बनाया था। तब से अब तक सहयोगी दलों से पांच नेताओं को सदस्य बनाने के अलावा इसमें कोई बड़ा फेरबदल नहीं है। अध्यक्ष पीएम मोदी और उपाध्यक्ष सुमन के बेरी के साथ-साथ वैज्ञानिक वीके सारस्वत, कृषि अर्थशास्त्री रमेश चंद, बाल रोग विशेषज्ञ वीके पाल, मैक्रो इकानामिस्ट अरविंद विरमानी थिंक टैंक के तौर पर पूर्णकालिक सदस्य रहेंगे। नीति आयोग में चार पदेन सदस्य केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान होंगे। नितिन गडकरी भी नीति आयोग के विशेष आमंत्रितों में से हैं।

अग्निवीरों की पुलिस-वन भर्ती बड़ा कदम

सीएम विष्णुदेव साय ने बड़ा ऐलान किया है कि राज्य के वह सभी युवा जो अग्निवीर के रूप में भारतीय सेना में अपनी सेवा के पश्चात लौटकर आएंगे, तो छत्तीसगढ़ सरकार इन नौजवानों को राज्य पुलिस में आरक्षक, वन सेवा में वन रक्षक और जेल प्रहरी इत्यादि पदों में प्राथमिकता के आधार पर नौकरी में समायोजित करेगी और जरूरत पड़ने पर आरक्षण भी दिया जा सकता है। आरक्षण का सिस्टम और प्रतिशत बाद में तय होगा, लेकिन सीएम के कहा कि एक निश्चित आरक्षण भी मिलेगा। अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष केंद्र सरकार पर शुरू से हमलावर रहा है। यहां तक कि मौजूदा केंद्र सरकार के सहयोगी नीतिश कुमार भी पूर्व में इस योजना की समीक्षा की बात कर चुके हैं। विरोध के पीछे एक ही तर्क है, निश्चित अवधि के बाद अग्निवीर बेरोजगार हो जाएंगे। इसे देखते हुए पुलिस और वनरक्षक भर्ती में सीएम साय की ओर से आरक्षण की घोषणा को बड़ा कदम माना जा रहा है।

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