प्रकाश स्तंभ

NEET UG: देश में 67 बच्चों को 720 में पूरे मार्क्स, छत्तीसगढ़ में दो दर्जन को 700 से ज्यादा नंबर…इसलिए सीजी कोटे में ही कटआफ रहेगा 550 नंबरों से ऊपर

मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिए होने वाली नीट यूजी में इस बार बच्चों ने बड़े स्कोर किए हैं। नीट यूजी का पर्चा 720 नंबरों का होता है। इस साल देशभर में 67 बच्चों ने पूरे नंबर हासिल किए हैं। पूरे मार्क्स लाने वालों की संख्या 8-10 से ज्यादा नहीं रहती है। इसलिए नीट-यूजी से जुड़े टीचर्स का मानना है कि राष्ट्रीय कोटे का कटआफ बहुत बढ़ जाएगा और 600 से ऊपर नंबर वालों को ही नेशनल कोटे से सीट मिलेगी। जहां तक छत्तीसगढ़ का सवाल है, इस बार एमबीबीएस फर्स्ट इयर के लिए न तो सरकारी कालेज बढ़े हैं और न ही प्राइवेट। सीटें भी पिछले साल जितनी थीं, इस बार भी उतनी ही हैं। बच्चों का परफार्मेंस तगड़ा है, इसलिए माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ कोटे से सरकारी मेडिकल कालेजों में इस साल अनारक्षित वर्ग से 560 के आसपास नंबर वालों को ही सीट मिल सकती है। ओबीसी, एससी और एसटी में भी पिछले साल के कटआफ के कम से कम 20-20 नंबर और ईओडब्लूएस में कम से कम 30 मार्क्स की वृद्धि पर ही सरकारी मेडिकल कालेजों में सीट मिल पाएगी।

मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिए होने वाली नीट परीक्षा के काउंसलर्स को उसी दिन से कटआफ बढ़ने का अंदेशा था, जिस दिन नीट यूजी के एग्जाम हुए थे। दरअसल अधिकांश पेपर के अधिकांश प्रश्न एनसीईआरटी से थे और बहुत अधिक घुमावदार भी नहीं थे, इसलिए माना जा रहा था कि इस बार नीट में बच्चों का स्कोर बेहतर रहेगा। इस वजह से हर कोटे में कटआफ बढ़ेगा। नीट काउंसलर तथा प्रख्यात नेत्र विशेषज्ञ डा. सुनील मल्ल ने द स्तंभ को बताया कि पिछले साल भले ही बच्चों को 530 नंबरों के आसपास सरकारी सीटें मिलीं, लेकिन फर्स्ट राउंड की काउंसिलिंग में आखिरी बच्चे को मिलने वाली सीट के नंबर ही महत्वपूर्ण होते हैं। पिछले साल छत्तीसगढ़ के दो-तीन सरकारी मेडिकल कालेजों में पहले राउंड में अनारक्षित वर्ग से 535 मार्क्स पर ही आखिरी सीट अलाट हुई थी। बाकी आवंटन सेकंड या मापअप राउंड में हुआ, इसलिए उसे बेस नहीं मान सकते। इस हिसाब से पिछले साल का कटआफ अगर 535 भी मानें तो इस बार फर्स्ट राउंड का कटआफ इससे कम से कम 25 नंबर तक ऊपर जा सकता है। अर्थात, पहले राउंड में भरी जाने वाली आखिरी सीट प्राप्त करनेवाले स्टूडेंट का स्कोर 560 के आसपास जाना चाहिए।

आरक्षण 58 प्रतिशत ही रहेगा, पिछले साल जितना

नीट के सीट अलाटमेंट के लिए राष्ट्रीय कोटे में आरक्षण सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार 50 प्रतिशत ही है। छत्तीसगढ़ कोटे की सीटों के लिए भी इतना ही था, लेकिन 2023 यानी पिछले साल भूपेश बघेल सरकार के समय इसे बढ़ाकर 58 प्रतिशत किया गया, जो राज्य की हर सरकारी नौकरियों पर लागू हुआ। इस बार साय सरकार भी आरक्षण में कोई कमी-बेशी नहीं कर रही है, अर्थात यह 58 फीसदी ही रहेगा। इसलिए नीट में अनारक्षित वर्ग के बच्चों के लिए कंपीटिशन थोड़ा टफ हो सकता है और कटआफ में भी 4-5 नंबरों की अतिरिक्त वृद्धि को अपने अनुमान में शामिल करना जरूरी है।

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