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काले पहाड़ पर गर्मी 45 से ऊपर, घना जंगल सैकड़ों गुफाएं… जानलेवा कोबरा -करैत, जहरीले बिच्छुओं का डेरा… नक्सलियों के अलावा इनसे भी जीती फोर्स

बीजापुर में नक्सलियों के गढ़ कर्रेगुट्टा हिल्स यानी काले पहाड़ पर 21 दिन से चल रहे आपरेशन में फोर्स का सामने केवल नक्सलियों और हर कदम पर बिछाई गई बारूदी सुरंगों से तो था ही, फोर्स को दूसरे जानलेवा खतरों का सामना भी करना पड़ा। जैसे, काले पहाड़ पर सौ से ज्यादा गुफाएं मिलीं। इन गुफाओं में जहरीले बिच्छू भी बड़ी तादाद में थे। 60 किमी में फैले काले पहाड़ पर जानलेवा कोबरा और करैत की भी भरमार थी और ये फोर्स के रास्ते में आ रहे थे। रही-सही कसर जंगली जानवरों ने पूरी कर दी थी। इस पहाड़ पर दिन का तापमान 45 डिग्री से ऊपर है, जिससे सुरक्षाबलों में डिहाईड्रेशन का गंभीर खतरा भी बना हुआ था। यहां तक कि आगे बढ़ रही फोर्स को पानी और खाना देना भी कम बड़ा चैलेंज नहीं था। यही वजह थी कि 21 दिन के इस आपरेशन में सीआरपीएफ, बीएसएफ और एयरफोर्स के हेलिकाप्टरों की मदद ली गई। काले पहाड़ में सुरक्षित जगहों पर हैलिपेड बनाने पड़े, जहां नाइट लैंडिंग भी करवाई जा सकती थी।

कर्रेगुट्टा पहाड़ पर चला आपरेशन फोर्स के इंटेलिजेंस, एनलिसिस और टेकनालाजी के मामले में अब तक के सबसे एडवांस आपरेशन के रूप में सामने आया है। बीजापुर में हुई प्रेस कांफ्रेंस में डीजीपी अरुणदेव गौतम और एडीजी नक्सल आप्स विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि किस तरह कर्रेगुट्टा हिल्स से आने वाली सूचनाओं के एनलिसिस के लिए बीजापुर, जगदलपुर और रायपुर में कंट्रोल रूम बनाए गए। यहां विशेषज्ञ रखे गए, जो हर सूचना का एनलिसिस कर मोर्चे पर आगे बढ़ रही फोर्स को रीयल टाइम कमांड दे रहे थे। पुलिस मुख्यालय से लेकर बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने प्रभावित जिलों के एसपी तथा फोर्स के अफसरों की कोर टीम बना रखी थी। यह टीम भी सूचनाओं का बारीक एनलिसिस कर रही थी। हेलिकाप्टरों का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया गया। यही वजह रही कि आपरेशन में लगी फोर्स को रसद पहुंचाने से लेकर घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर उनकी जान बचाने का काम फूलप्रूफ तरीके से किया गया। काले पहाड़ पर अब फोर्स बैठ गई है। वहां बड़ी गुफाओं में कई टेंपरेरी पोस्ट हैं, जहां बड़ी संख्या में जवान हैं। सैकड़ों बारूदी सुरंगें खोदकर नष्ट की जा चुकी हैं। कई हेलिपैड हैं, जहां हेलिकाप्टरों की आमदो-रफ्त लगातार बनी हुई है। इस तरह, काले पहाड़ यानी कर्रेगुट्टा हिल्स को भी फोर्स ने नक्सलमुक्त कर लिया है।

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