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Good Governance : IFS कौशलेंद्र कुमार, आलोक कटियार, अरुण पांडे, सुनील मिश्रा और प्रेमकुमार के लिए PCCF के नए पद क्रिएट होंगे… सीएम साय कैबिनेट का फैसला

छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने भारतीय वन सेवा (आईएफएस) कैडर के उन पांच अफसरों के लिए मुख्य प्रधान वन संरक्षक (पीसीसीएफ) के नए पद क्रिएट करेगी, जिनकी नौकरी के 30 साल पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में अभी उनके लिए पीसीसीएफ के पद नहीं है, इसलिए उनके एपीसीसीएफ के तौर पर ही रिटायर हो जाने की स्थिति बनी हुई है। कैडर मैनेजमेंट के लिए इसे साय सरकार का गुड गवर्नेंस की दिशा में ही उठाया गया कदम माना गया है। सीएम विष्णुदेव साय की कैबिनेट ने इसे शनिवार को मंजूरी दे दी है। इसका फायदा आईएफएस कौशलेंद्र कुमार, आलोक कटियार, अरुण पांडे, सुनील मिश्रा और प्रेमकुमार को मिला, जो अभी एपीसीसीएफ के रूप में काम कर रहे हैं।

सीएम साय की कैबिनेट के फैसले का द स्तम्भ ने बारीकी से अध्ययन किया है। केंद्रीय सेवाओं में कैडर मैनेजमेंट की दिक्कतों को दूर करने का यह बड़ा उदाहरण है और साय सरकार लगातार ऐसा कर रही है। दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से अभी छत्तीसगढ़ राज्य को आईएफएस कैडर में पीसीसीएफ के चार पद दिए गए हैं। इनमें पीसीसीएफ वी श्रीनिवास राव हेड आफ फारेस्ट फोर्सेज (वनबल प्रमुख) के रूप में पदस्थ हैं। शेष तीन पदों के विरुद्ध चार और पीसीसीएफ काम कर रहे हैं। अब इनके पीछे पांच अफसर और हैं जो 30 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं और पीसीसीएफ के पात्र हो चुके हैं। ये अभी एपीसीसीएफ के पद पर काम कर रहे हैं। साय कैबिनेट ने सिर्फ यही किया है कि इन अफसरों की सेवाओं को देखते हुए यहां पीसीसीएफ के पांच नए पद क्रिएट करने का फैसला किया है। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि ये अफसर भले ही अपने मौजूदा पदों पर काम करते रहें, लेकिन पीसीसीएफ के रूप में प्रमोट हो जाएं। ताकि बाद में इन्हें पीसीसीएफ पद के वेतन समेत सारे लाभ मिलें। जिन अफसरों को सरकार के इस फैसले से सीधा लाभ होने वाला है, अधिकांश अभी वन मुख्यालय अरण्य भवन में ही पदस्थ हैं। सरकार इन्हें पीसीसीएफ के तौर पर प्रमोट करती है, तो इसका फायदा मेरिट में इनके पीछे चल रहे आईएफएस अफसरों को भी होगा। यह फैसला एक नजीर बन सकता है, जिसके रिफरेंस में आने वाले कई वर्षों तक सरकारें ऐसा कर पाएंगी। लेकिन एक बात यह भी है कि केंद्र सरकार ने पीसीसीएफ के जितने पद छत्तीसगढ़ को दिए हैं, इस फैसले से उनमें कोई वृद्धि नहीं होने जा रही है।

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