शासन

सीएस जैन, डीजीपी जुनेजा अचानक पहुंचे बलौदाबाजार, अफसरों से कहा-आम लोगों से रोज 2 घंटे मिलना जरूरी

बलौदाबाजार की घटना में प्रशासन-पुलिस और लोगों में संवादहीनता क्या बड़ी वजह...

छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव आईएएस अमिताभ जैन और डीजीपी अशोक जुनेजा शुक्रवार को देर शाम अचानक बलौदाबाजार पहुंच गए। उन्होंने कलेक्टोरेट का जायजा लिया, सभी भवनों और सुविधाओं को जल्दी ही रीस्टोर करने पर बलौदाबाजार कलेक्टर-एसपी तथा अफसरों को बधाई दी। लेकिन सीएस जैन और डीजीपी जुनेजा, दोनों ने स्पष्ट कर दिया कि बलौदाबाजार में पदस्थ सभी अफसर जिले के आम लोगों से रोज कम से कम 2-3 घंटे सीधा संवाद करें। माना जा रहा है कि लोगों तथा प्रशासन-पुलिस के बीच संचार (कम्यूनिकेशन) के अभाव के कारण बलौदाबाजार को बड़े उपद्रव का सामना करना पड़ा। कम्यूनिकेशन नहीं होने के कारण किसी अफसर को भनक नहीं थी कि ऐसी कोई घटना हो सकती है।

बलौदाबाजार में निरीक्षण के बाद सीएस जैन तथा डीजीपी जुनेजा ने वहां के अफसरों की बैठक ली। दोनों ने बैठक में लगभग एक बात कही कि उपद्रव से भौतिक नुकसान के साथ-साथ भावनात्मक नुकसान भी हुआ है, जिसे ठीक करने में समय लगेगा। इस उपद्रव और तोड़फोड़-आगजनी से सरकारी अमले का मनोबल भी गिरा है। यह अच्छी बात है कि प्रशासन ने सारे क्षतिग्रस्त भवन रीस्टोर कर लिए, लेकिन गिरे हुए मनोबल को ठीक करने में समय लगेगा। सीएस जैन और डीजीपी जुनेजा ने कहा कि अब बेहद जरूरी बात यह है कि प्रशासन और पुलिस का आम लोगों का सीधा संवाद बेहद जरूरी है। लोगों से बातचीत, उनकी समस्या जानने और तुरंत निराकरण के प्रयास शुरू होना चाहिए। जल्दी ही वहां जनसमस्या निवारण भी शुरू किए जाएं। दोनों अफसरों ने कहा कि हर लोकसेवक का कर्तव्य है कि संवादहीनता बिलकुल नहीं आने दें। अधिकारी अपने कक्ष में कम से कम 2-से 3 घंटे लोगों से मिलें। बैठक में आईपीएस अमित गुप्ता और आईपीएस अमरेश मिश्रा के अलावा बलौदाबाजार के कलेक्टर दीपक सोनी, एसपी विजय अग्रवाल तथा डीएफओ मयंक अग्रवाल समेत बलौदाबाजार के अधिकांश आला अफसर उपस्थित थे।

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