सरलता-सहजता के साथ सीएम साय के भ्रष्टाचार-अपराधों पर भी लगातार कड़े तेवर… सोनवानी-उद्योगपति की गिरफ्तारी इसी का इशारा
सीबीआई को मामला सौंपते हुए सीएम साय ने तय किया था- सख्त एक्शन चाहिए
भारतीय जनता पार्टी ने पिछला विधानसभा चुनाव जिन मुद्दों पर लड़ा था, पीएससी भर्ती में भ्रष्टाचार उनमें महत्वपूर्ण था। भाजपा ने चुनाव जीता, पीएम मोदी-गृहमंत्री अमित शाह समेत पार्टी ने विष्णुदेव साय पर भरोसा जताते हुए सीएम के लिए उनका चयन किया। बेहद शांत, सरल और सबसे सहजता से पेश आने वाले सीएम साय के व्यवहार में वही सहजता और खामोशी से प्रदेश के विकास का जज्बा तो बरकरार है ही, लेकिन जिस तरह भ्रष्टाचार और अपराध पर सीएम साय और उनकी सरकार चोट कर रही है, वह चौंका देने वाला है। सीएम साय की पहल पर ही पीएससी घोटाला सीबीआई को सौंपा गया था। सोमवार को पूर्व आईएएस टामन सिंह सोनवानी के साथ-साथ एक उद्योगपति की गिरफ्तारी ने इशारा कर दिया है कि सीएम साय भले ही शांत-सरल नजर आते हैं, लेकिन भ्रष्टाचार और अपराधों पर उनके प्रहार बड़ी खामोशी से सख्त होते जा रहे हैं। ठीक उसी तरह, जैसे तैरती बत्तख से पानी की सतह शांत दिखाई देती है, लेकिन सतह से ठीक नीचे पूरे सिस्टम को सही तरीके से चलाने की जबर्दस्त हलचल नजर नहीं आती।
पिछले कुछ अरसे से सीएम साय ने कानून-व्यवस्था से लेकर भ्रष्टाचार तक, सभी मामलों में वाजिब पर सख्त फैसलों से सरकार को नई दिशा दी है। इससे पूर्व अपराधों पर नो-टालरेंस की बातें खूब हुईं, लेकिन अमल उतना सख्त नहीं था। कानून-व्यवस्था के मामले में तीन कलेक्टर-एसपी बदलकर सीएम साय ने व्यवस्था के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करने के साफ संकेत दिए थे। भिलाई में अपराधी के एनकाउंटर के बाद सीएम साय का सख्त स्टैंड सबके सामने है। अपराधियों पर सख्ती करने की बात पूर्व में भी की जाती रही थी, लेकिन छत्तीसगढ़ में 12 साल बाद ऐसा मौका आया, जब पुलिस ने एक बदमाश के अपराधों की डायरी बंद कर दी। सोमवार को बस्तर में सीएम साय ने एनएमडीसी प्रबंधन को भी सख्त अंदाज में डील किया, वह प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय है, क्योंकि कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के मामले में इतने कड़े तेवर अफसरों तथा राजनीतिज्ञों को भी चकित करने वाले थे। इसके कुछ ही घंटे बीते थे कि सीबीआई ने वह कार्रवाई शुरू की, जिसके लिए सीएम साय ने एजेंसी को पीएससी घोटाले की जांच सौंपी थी। पूर्व आईएएस के साथ-साथ पीएससी घोटाले में छत्तीसगढ़ के ताकतवर औद्योगिक घराने से जुड़े उद्योगपति गोयल की गिरफ्तारी इस बात का इशारा कर रही है कि खामोशी और सहजता के साथ विष्णुदेव साय की कार्यशैली का दूसरा पहलू एक सख्त तथा अपराधों पर टालरेंस नहीं करने वाले एडमिनिस्ट्रेटर का है। पीएससी मामले में सीबीआई अगले कुछ दिन में बड़ी कार्रवाइयां करने जा रही है और दिलचस्प बात ये है कि साय सरकार ने भ्रष्टाचार विरोधी इन कार्रवाइयों पर अपना सख्त स्टैंड साफ कर दिया है।