बैलाडीला लोहा खदानों की होगी नीलामी… टेंडर डाक्यूमेंट 27 फरवरी तक माइनिंग डायरेक्टोरेट में… सचिव पी दयानंद ने प्री-बिड कांफ्रेंस में समझाई प्रक्रिया

छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर के बैलाडीला में लौह अयस्क (आयरन ओर) खदानों की नीलामी करने जा रही है। इसके लिए 27 फरवरी तक दोपहर 3 बजे तक ऑनलाइन टेंडर डॉक्यूमेंट खरीदे जा सकते हैं। टेंडर 28 फरवरी को दोपहर 3 बजे तक टेंडर फार्म जमा किए जा सकेंगे। इस बारे में ज्यादा जानकारी नवा रायपुर में माइनिंग डायरेक्टोरेट के अफसर दे रहे हैं। हालांकि आयरन ओर खदानों की नीलामी प्रक्रिया तथा संभावनाओं को समझाने के लिए शुक्रवार को नवा रायपुर के न्यू सर्किट हाउस कन्वेंशन हॉल में ‘प्री-बिड कॉन्फ्रेंस’ हुई, जिसमें देशभर की माइनिंग कंपनियों, औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों ने निवेशकों ने हिस्सा लिया है। छत्तीसगढ़ के खनिज सचिव आईएएस पी दयानंद ने इस प्री-बिड कांफ्रेंस में नीलामी की प्रक्रिया, आयरन ओर में निवेश के मौके और छत्तीसगढ़ के खनिज संसाधन पर विस्तार से बात रखी। यही नहीं, उनके संबोधन के बाद माइनिंग अफसरों और विशेषज्ञों ने कांफ्रेंस में मौजूद लोगों के सवालों के जवाब भी दिए।
खनिज सचिव दयानंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधनों की अपार संभावनाएं हैं। यह राज्य उद्योग, व्यापार, और रोजगार के क्षेत्र में व्यापक विकास का अवसर देने वाला है। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने में छत्तीसगढ़ की भूमिका आयरन ओर के विशाल भंडार की वजह से अहम होगी। उन्होंने देशभर की माइनिंग कंपनियों, औद्योगिक घरानों और इन्वेस्टर्स को आमंत्रित करते हुए आश्वस्त किया कि सरकार उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि बैलाडीला क्षेत्र भारत के इस्पात उद्योग की रीढ़ है और इस क्षेत्र के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार में व्यापक वृद्धि होगी।
प्री-बिड कांफ्रेंस में जीएसआई (GSI) के डिप्टी डायरेक्टर जनरल अमित धारवड़कर ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का दूसरा सबसे समृद्ध खनिज संपन्न राज्य है। उन्होंने कहा कि बैलाडीला से दल्लीराजहरा तक फैला लौह अयस्क क्षेत्र विश्व के महत्वपूर्ण लौह अयस्क भंडारों में गिना जाता है। यह भारत के इस्पात उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। माइनिंग डायरेक्टर सुनील कुमार जैन ने नीलामी प्रक्रिया और लौह अयस्क ब्लॉकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2030 तक देश में स्टील उत्पादन बढ़ाने के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है। आक्शन नोडल अफसर अनुराग दीवान ने कहा कि छत्तीसगढ़ औद्योगिक निवेश के लिए सबसे उपयुक्त राज्यों में से एक है।