फोन चोरी तो अकाउंट भी खतरे में… चुराए गए फोन के बैंकिंग एप से ठगों ने खाली किया खाता… रायपुर पुलिस ने झारखंड गैंग पकड़ा, 8 राज्यों में करोड़ों रु. पार

अगर आपका मोबाइल फोन गुमा या चोरी हो गया, तो इसका मतलब सिर्फ ये नहीं है कि फोन बुक, गैलरी का बैकअप गया। बल्कि अब एक बड़ा खतरा यह भी आ गया है कि चोरी गए फोन में आपने जो भी बैंकिंग एप डाउनलोड कर रखा है और उससे ट्रांजेक्शन करते हैं, तो ऐसे गैंग काम कर रहे हैं, जो आपका मोबाइल फोन मिलते ही एक झटके में आपका अकाउंट साफ कर देंगे। रायपुर एसएसपी डा. लाल उमेद सिंह ने रायपुर में झारखंड के एक ऐसे ही गैंग का खुलासा किया है, जो बाकायदा मोबाइल चुराकर इसके जरिए रकम उड़ा देता है। रायपुर के गुढ़ियारी में ऐसे ही चोरी गए मोबाइल के फोन-पे के जरिए इस गिरोह ने 99 हजार रुपए उड़ाए, तब पकड़े गए। पता चला कि झारखंड के साहिबगंज के इस गैंग ने बिहार, झारखण्ड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडू, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में इसी तरह से करोड़ों रुपए चुराए गए मोबाइल के बैंकिंग एप से उड़ाए हैं।
एसएसपी डा. लाल उमेद सिंह ने बताया कि झारखंड गैंग के छह अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों में विकास महतो, यासीन कुरैशी, शेख सुलेमान, अंकित शर्मा, सोनू कुमार मंडल और पिंटू कुमार मोहले शामिल हैं। यह गैंग तीन लेयर में अपराध कर रहा है। एक ग्रुप बाजारों से मोबाइल फोन चुराता है। दूसरा ग्रुप चुराए गए फोन के बैंकिंग एप से पूरी रकम पश्चिम बंगाल के अपने खातों में ट्रांसफर करता है। तीसरा ग्रुप इस रकम को एटीएम से निकालकर झारखंड भेज देता है। आरोपियों से चोरी के 10 फोन बरामद हुए हैं, जिनके जरिए खातों की पूरी रकम खाली कर दी गई है। रायपुर क्राइम ब्रांच ने इस गैंग को पकड़ने के लिए एक माह तक झारखंड में डेरा डाला था। इस मामले की जांच के लिए एसएसपी ने एएसपी सिटी लखन पटले, एएसपी क्राइम संदीप मित्तल, डीएसपी क्राइम संजय सिंह और सीएसपी उरला पूर्णिमा लामा की नेतृत्व में टीम बनाई थी। अफसरों के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम ने गुढ़ियारी से चोरी गए फोन के हर ट्रांजेक्शन का पीछा किया। फोन-पे के जरिए जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई, उनकी पहचान हुई। पैसे जिस अंतिम बैंक खाते तक पहुंचे, वह पश्चिम बंगाल का मुकेश कुमार था। इस खाते और मोबािल फोन का इस्तेमाल कर रह9े शेख सुलेमान को सबसे पहले दबोचा गया। उसके बाद परतें खुलती चली गईं। इस गैंग के कई और सदस्यों की तलाश में अलग-अलग जगह छापेमारी चल रही है।
इस कार्रवाई में गुढ़ियारी टीआई बीएल चंद्राकर, क्राइम ब्रांच प्रभारी परेश पांडेय, एसआई मुकेश सोरी, एएसआई अतुलेश राय, हेड कांटस्टेबल संतोष वर्मा, रविकांत पाण्डेय, महेन्द्र राजपूत, सुरेश देशमुख, बसंती मौर्य तथा आरक्षक राकेश पाण्डेय, प्रमोद बेहरा, हिमांशु राठोड़, आशीष राजपूत, राहुल गौतम और गुढ़ियारी थाने से एसआई कैलाश केशरवानी, हेड कांस्टेबल घनश्याम सिंह ठाकुर, उमेश पटेल एवं प्रमोद पाणी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।