द स्तम्भ ने पहले बता दिया था- छत्तीसगढ़ में नान घोटाले की वापसी… CBI ने पूर्व IAS शुक्ला, टुटेजा और पूर्व एजी वर्मा पर नान से जुड़े मामले में शुरू की छापेमारी

सीबीआई ने शुक्रवार को पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा के निवास पर छापा मारा था। द स्तम्भ ने तभी बता दिया था कि छत्तीसगढ़ में चर्चित नान घोटाले की वापसी हुई है और इस केस में सीबीआई ने एंट्री करते हुए छापेमारी शुरू की है। तब तक यह कयास लगाए जा रहे थे कि दिल्ली से आई सीबीआई ने शराब स्कैम में छापेमारी की होगी। लेकिन अब स्पष्ट हो गया है कि नान घोटाले में छत्तीसगढ़ की एजेंसी ईओडब्लू और 2019 में ईडी के बाद अब सीबीआई की एंट्री भी हो गई है। सीबीआई ने पूर्व प्रमुख सचिव रिटायर्ड आईएएस आलोक शुक्ला, पूर्व संयुक्त सचिव रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा और छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा के खिलाफ नागरिक आपूर्ति निगम (नान) केस की जांच को हतोत्साहित करने के मामले में पूर्व में एफआईआर दर्ज की थी। अब एक्शन शुरू करते हुए सीबीआई ने रायपुर के दो परिसरों में छापेमारी की है। यह केस आयकर विभाग की रेड में जब्त डिजिटल सबूतों के आधार पर किया गया था, जिनके एनलिसिस में यह बात आई है कि इन दो अफसरों ने नान मामलों की कार्रवाई को हतोत्साहित करने के कई प्रयास किए हैं। यही नहीं, सीबीआई की ओर से जारी प्रेस नोट में यह भी कहा गया है कि इन अफसरों ने अग्रिम जमानत के लिए़ पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को कथित अनुचित लाभ भी दिए थे। सीबीआई ने कहा कि शुक्रवार को हुई छापेमारी में दोनों परिसरों से इन मामलों से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल प्रमाण जब्त किए गए हैं। हालांकि जैसी एफआईआर सीबीआई ने की है, उससे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि वह नान घोटाले में केस की प्रोसीडिंग्स, गवाहों तथा एजेंसियों को जांच करने से किस तरह हतोत्साहित किया गया, उस एंगल पर ही जांच करेगी। यह जांच में काफी दूर तक जाएगी, यह बात भी चर्चा में है। शनिवार को प्रदेश में सुबह से एक बड़े राजनीतिज्ञ के यहां सीबीआई छापे का हल्ला मच गया था, लेकिन दोपहर में स्पष्ट हो गया कि फिलहाल ऐसा कोई छापा नहीं पड़ा है।