प्रदेश में पहली बार : साय सरकार बनाएगी बस्तर डेवलपमेंट डाक्यूमेंट… हर जिले व स्टेकहोल्डर्स के सुझावों से बनेगा रोडमैप… बस्तर में दो दिन मंथन के बाद रायपुर लौटे सीएम-सरकार

छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसा हुआ है कि नक्सल प्रभावित बस्तर के विकास का रोडमैप बनाने के लिए सीएम विष्णुदेव साय की लगभग पूरी सरकार दो दिन जगदलपुर में ही रही और प्रशासन से लेकर स्टेकहोल्डर्स तक, हर एजेंसी से पूछा गया कि बस्तर के विकास के लिए उनके क्या स्पेसिफिक सुझाव हैं। इस आधार पर साय सरकार जल्दी ही बस्तर के लिए अलग से डेवलपमेंट डाक्यूमेंट तैयार कर सकती है। इसमें विजन डाक्यूमेंट-2047 में उल्लेखित बस्तर से जुड़े अहम बिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। इस विकास मसौदे में नक्सल उन्मूलन के साथ-साथ बस्तर के लोगों की बारीक से बारीक जरूरतों को पूरा करने वाले बिंदु शामिल किए जा सकते हैं। ये जरूरतें बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, पानी, बिजली, चिकित्सा और शिक्षा के अलावा होंगी। माना जा रहा है कि सीएम साय और सरकार की बस्तर में दो दिन चली एक्सरसाइज पीएम नरेंद्र मोदी के दिशानिर्देश पर की गई है। मंगलवार और बुधवार को हर तबके से सुझाव लेने के बाद सीएम साय, मंत्री तथा आला अफसर बुधवार की रात रायपुर लौट आए हैं।
बस्तर विकास के रोडमैप के लिए बिंदु तैयार करने के साथ-साथ सीएम साय ने वहां चल रहे विकास तथा आम लोगों की सुविधा से जुड़ी जरूरी योजनाओं की समीक्षा भी की है। बुधवार को हुई बैठक में गृहमंत्री विजय शर्मा के अलावा चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन, डीजीपी अरुणदेव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, वन बल प्रमुख वी श्रीनिवास राव के अलावा बस्तर कमिश्नर-आईजी तथा हर जिले के तमाम आला अफसर उपस्थित थे। जगदलपुर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई बैठक में सीएम साय ने अफसरों को स्पष्ट कर दिया कि बस्तर के विकास की यात्रा अब ठहराव नहीं, निरंतर गति की मांग करती है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हर व्यक्ति तक शासन की योजनाएं पहुंच जाएं। क्योंकि अब बस्तर पिछड़ेपन का प्रतीक नहीं, बल्कि नए भारत की संभावनाओं का प्रवेश द्वार बन रहा है। यहां का हर गाँव, हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े — यही हमारा लक्ष्य है। आयुष्मान, आधार, आवास और विद्युतीकरण जैसी योजनाएं केवल सरकारी परियोजनाएं नहीं, बल्कि आम जन की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी हैं।
बस्तर का प्रशासनिक अमला प्रतिबद्धः सीएम साय
सीएम साय ने मीडिया से कहा कि बस्तर में हुई बैठकें विकास के नजरिए से अत्यंत उपयोगी रही हैं। यह देखकर संतोष हुआ कि बस्तर संभाग में शासन और प्रशासन की टीम युवा, ऊर्जावान और संकल्पबद्ध दिख रही है। जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त अधिकारियों की उपस्थिति प्रमाणित करती है कि हम सब विकास के प्रति गंभीर हैं और बस्तर में शांति स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं। सीएम साय ने अफसरों को निर्देश दिए कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के समूल उन्मूलन के केंद्र सरकार के लक्ष्य के अनुरूप कार्य जारी रखने हैं। सुरक्षा बलों के साहस, समर्पण और रणनीति के साथ काम करना इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।