हार पर रार… बिलासपुर कांग्रेस से विधायक अटल को निकालने की अनुशंसा… राजनांदगांव अध्यक्ष का इस्तीफा, विधायकों पर गंभीर आरोप… जुनेजा को नोटिस, पीसीसी ने 3 दिन में मांगा जवाब

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के पहले चरण में हार को लेकर अब तक दबी-छिपी चर्चाएं थीं, लेकिन अब खुलकर घमासान छिड़ गया है। बिलासपुर जिला कांग्रेस ने विधायक अटल श्रीवास्तव पर भीतरघात का गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी से 6 साल के निकालने की अनुशंसा प्रदेश कांग्रेस को भेज दी है। राजनांदगांव जिला अध्यक्ष भागवत साहू ने जिला पंचायत चुनाव हारने के बाद कांग्रेस विधायकों हर्षिता बघेल और दलेश्वर साहू के अलावा पूर्व अध्यक्ष नवाज खान पर बागी प्रत्याशी को खुलकर समर्थन देने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इधर, रायपुर के पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा अपने बयान- जब तक दीपक बैज अध्यक्ष रहेंगे, कांग्रेस भवन नहीं जाउंगा… पर बुरी तरह फंस गए हैं। प्रदेश कांग्रेस ने इस बयान पर जुनेजा को को नोटिस भेजकर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर परोक्ष रूप से निष्कासन की चेतावनी दे दी है।
नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनावों में हार के बाद कांग्रेस में गुस्से और गुटबाजी ने जोर पकड़ लिया है। बिलासपुर में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय पर एक्शन के बाद अब जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने विधायक अटल श्रीवास्तव पर आरोपों की झड़ी लगा दी है। केशरवानी ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर कहा है कि विधायक अटल को भी 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया जाना चालिए। उधर, राजनांदगांव जिला कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू ने इस्तीफे की घोषणा करते हुए पूर्व सीएम भूपेश बघेल को लिखे पत्र में कहा कि उन्होंने (भागवत) चुनाव के दौरान पार्टी नेतृत्व को तमाम बातों के अवगत कराया था, लेकिन उनकी बातों को अनदेखा किया गया और बागी को खुलकर समर्थन दिया गया। भागवत इसी बागी प्रत्याशी अंगेश्वर देशमुख से चुनाव हारे।
इधर, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री तथा हाल में जगदलपुर नगर निगम से मेयर प्रत्याशी के रूप में चुनाव हारकर रायपुर लौटे मलकीत सिंह गैंदू ने रायपुर उत्तर से पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा को नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण मांग लिया गया है। नोटिस में जुनेजा को लेकर कहा गया है कि वे प्रदेश संगठन के फैसलों को लेकर पार्टी फोरम में बात रखने के बजाय बार-बार सार्वजनिक बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे संगठन की छवि धूमिल हो रही है। द स्तम्भ के पास नोटिस की कापी है। इस मामले में जवाब देने के लिए जुनेजा से संपर्क नहीं हो पाया है। गौरतलब है, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत भी टिकट वितरण को लेकर प्रदेश नेतृत्व पर गंभीर सवाल उठा चुके हैं।