मंत्रियों के दो पद खाली… अमित शाह को भी 13 को आना है… सीएम साय अचानक मिले राज्यपाल से, पौन घंटे चर्चा
छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के दो पद खाली हैं, यानी सीएम विष्णुदेव साय आलाकमान से बातचीत कर दो विधायकों को एडजस्ट कर सकते हैं। तीन माह पहले मंत्रिमंडल में विस्तार का हल्ला उड़ा था, लेकिन दिल्ली से इशारा आ गया था कि महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव और उपचुनावों के बाद इस पर चर्चा होगी। उपचुनाव हो गए हैं। एक इत्तेफाक है कि अमित शाह 13 तारीख को छत्तीसगढ़ आ रहे हैं, वे 14 तारीख को सुबह से शाम तक रायपुर में रहेंगे। इस बीच, सीएम साय ने सोमवार को सुबह अचानक राज्यपाल रामेन डेका से मुलाकात की है। दोनों में पौन घंटे तक चर्चा हुई है। मुद्दा क्या था, यह दो लोगों के अलावा किसी तीसरे को पता नहीं है। सरकार के लोगों का डिप्लोमैटिक बयान है- छत्तीसगढ़ के विकास से जुड़े मुद्दों पर बात हुई है। यह बयान सही भी हो सकता है, लेकिन अंदरखाने में जिस तरह की चहलकदमी है, उससे लगता है कि बात कुछ और है। जल्दी ही सीएम साय कैबिनेट की कुर्सियां खाली नहीं रहनेवाली हैं। साफ-साफ मामला ये है कि इस मुलाकात से मंत्रिमंडल की चर्चाओं ने एक बार फिर उछाल मारा है।
चर्चाएं फिर क्यों चलीं, इसके कारण हैं। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव सिर पर हैं। पूरे प्रदेश में राजधानी से राजनैतिक संदेश जाता है, ऐसा कहते हैं। राजधानी की चार और रायपुर जिले की सातों सीटें भाजपा के पास हैं, पर एक भी मंत्री नहीं है। कोई अनिवार्यता नहीं है, पर राजधानी से मैसेज जाने की बात अगर सही है तो फिर यहां से मंत्री होना भी जरूरी है। अभी प्रदेश में जितने मंत्री हैं, सबका ध्यान अपनी-अपनी विधानसभा और जिले पर ज्यादा दिखता है, जो होना भी चाहिए। हालांकि वे पुरजोर तरीके से रायपुर की उपेक्षा वाली बात का खंडन कर सकते हैं। जो नजर आता है, वह तो ये है कि केवल सीएम साय ही हैं, जो राजधानी के लिए केंद्र सरकार से कुछ न कुछ प्रोजेक्ट लाते रहते हैं। इस वजह से राजधानी में अब तक सब ठीक-ठाक ही है। फिर भी, रायपुर वास्तव में छूट रहा है। अगर राजधानी में सर्वे करवाया जाएगा तो यह बात जरूर सामने आएगी कि यहां का हर जागरुक नागरिक चाहता है- शहर से मंत्री होना चाहिए। यह बात अलग है कि मंत्री बनाने के लिए कोई सर्वे नही होता।
बहरहाल, मुख्य समाचार यही है कि सीएम साय ने राज्यपाल डेका से मुलाकात कर ली है। नए मंत्रियों को शपथ राज्यपाल दिलाएंगे, समारोह राजभवन में होगा, बात बस इतनी सी है। इसलिए मंत्रिमंडल के विस्तार का हल्ला मचा है और इस बात तेज है। इसके कारण वही बताए जाा रहे हैं, जिनका उल्लेख खबर के शुरू में हो चुका है। हो सकता है कि यह भी हल्ला हो और बात नगरीय-पंचायत चुनाव होने तक के लिए टल जाए। इसीलिए अभी संभावित नाम या नामों को ब्रेक करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि यह हवाहवाई भी साबित हो सकता है।