ला एंड आर्डर पर सवा 3 घंटे चली हाई लेवल मीटिंग में सीएम साय के सख्त तेवर… धीमे एक्शन पर जिम्मेदारी तय होगी… बड़े बदलावों का इशारा
सीएम विष्णुदेव साय ने अपने निवास पर शुक्रवार को सुबह 11 बजे से दोपहर सवा 2 बजे तक गृह विभाग और सरकार के आला अफसरों की बैठक में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर कड़े तेवर दिखाए हैं। सूत्रों के मुताबिक तकरीबन सवा 3 घंटे चली इस बैठक में सीएम साय ने बस्तर के सरगुजा तक पिछले एक माह में हुई हर घटना की बारीकी से समीक्षा की और खामियों का इशारा भी किया है। बताते हैं कि सीएम ने कुछ मामलों में इस बात पर नाराजगी दिखाई है कि पुलिस के एक्शन में स्पीड होती और फैसले स्ट्रैटजिकल रहते तो ऐसे हालात नहीं बनते, जिनका सामना करना पड़ा है। सीएम की ओर से सुझाव के टिप्स दिए गए हैं और फील्ड की तरह पुलिस महकमे में उच्चस्तर पर भी घटनाओं तथा अर्बन पुलिसिंग को लेकर एक्टिव रहने की जरूरत बताई गई है। इस बैठक का ब्योरा लेने के लिए मीडिया हैलिपेड पर इकट्ठा था, लेकिन लेट होने की वजह से सीएम साय से फिलहाल बातचीत नहीं हो पाई है।
गृह विभाग की इस बैठक को काफी एक्सक्लूसिव रखा गया था। बैठक में डिप्टी सीएम विजय शर्मा के अलावा सीएस अमिताभ जैन, डीजीपी अशोक जुनेजा, सीएम के दोनों सचिव पी दयानंद और राहुल भगत, डीजी प्रदीप गुप्ता, एडीजी इंट अमित कुमार तथा एडीजी विवेकानंद के भी शामिल रहने की सूचना है। बैठक ठीक 11 बजे शुरू हुई थी और डेढ़ बजे तक चलनी थी। इसके बाद सीएम साय को भिलाई के कार्यक्रम में जाना था, लेकिन बैठक एक घंटा देरी तक चली है। दरअसल सीएम साय की ओर से गृह विभाग की उच्चस्तरीय बैठक बुलाने के कई मायने हैं, खासकर बैठक की टाइमिंग पर बात हो रही है। इस महीने कवर्धा के लोहारीडीह में बड़ी घटना हुई है। सूरजपुर में हवलदार की पत्नी-बेटी का कत्ल और वहां बिगड़ी कानून-व्यवस्था का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। दो माह पहले बलौदाबाजार में कलेक्टोरेट-एसपी आफिस में भीड़ ने आग लगा दी थी, जिसमें तकरीबन पौने 2 सौ लोगों को जेल भेजा जा चुका है। बताते हैं कि बैठक में ये सभी मुद्दे उठे हैं और सीएम ने सकारात्मक रूप से वन टू वन समीक्षा कर यह पता लगाने की कोशिश की है कि क्या वास्तव में इन मामलों में पुलिस के एक्शन में खामियां थीं, या फिर लोगों के आक्रोश को समय पर जज नहीं किया जा सका। बहरहाल, सवा 3 घंटे की इस बैठक को लेकर अधिकृत तौर पर कोई बात बाहर नहीं आई है।