निलंबित IPS विकास कुमार कवर्धा जेल में युवक की मौत के लिए किस तरह जिम्मेदार… वजह जानिए निलंबन आदेश से
छत्तीसगढ़ सरकार ने कवर्धा के लोहारीडीह में हुई हिंसा में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजे गए युवक प्रशांत साहू की जेल में मौत के मामले में छत्तीसगढ़ के 2020 बैच के युवा आईपीएस तथा कवर्धा के एएसपी विकास कुमार को सस्पेंड करने तथा मामले की जांच शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। शासन के गृह (पुलिस) विभाग से बुधवार को आधी रात जारी इस निलंबन आदेश में कहा गया है कि विकास कुमार लोहारीडीह में आगजनी करने वालों को गिरफ्तार करने वाली टीम को लीड कर रहे थे। जेल में युवक की मौत के पीछे इसी कारण से उनकी (विकास कुमार) की गंभीर लापरवाही प्रतीत होती है। एएसपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना विचाराधीन है, इसीलिए आईपीएस विकास कुमार को अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1989 के उपनियमों के तहत दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। इस तरह, जेल में युवक की मौत के लिए परोक्ष तौर पर विकास कुमार को ही जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की गई है। विकास कुमार को पुलिस मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। इस बीच, गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि सीएम विष्णुदेव साय ने मृत युवक प्रशांत साहू के परिजन को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।
बता दें कि कवर्धा के लोहारीडीह में कांग्रेस नेता शिवप्रसाद साहू का गांव से 10 किमी दूर मध्यप्रदेश में इसी सोमवार को फांसी पर लटका शव मिलने के बाद हिंसा भड़क गई थी। आक्रोशित गांववालों ने वहीं के भाजपा नेता रघुनाथ प्रसाद को उसी के घर में जिंदा जला दिया था। मौके पर पहुंचे कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव तथा पुलिसवालों पर भी हमला हुआ था। इसके बाद गांव में भारी फोर्स भेजकर हालात काबू में किए गए थे, फिर आगजनी-हत्या में गिरफ्तारियां शुरू की गई थीं। कुल 61 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जिसमें प्रशांत की जेल में मृत्यु हो गई थी। इस मामले में प्रशांत की पुलिस पिटाई से मौत के आरोपों को लेकर बवाल खड़ा हो गया है।