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मालगाड़ी छोड़कर बढ़ गए इंजन…गनीमत कि ढाल न होने से बेसहारा डिब्बे धीमे होकर रुक गए…इंजन जोड़े तब चली गाड़ी

राजधानी रायपुर के सरोना इलाके से मालगाड़ियां डायवर्ट होकर शहर के बाहर से उरकुरा पहुंचती हैं और वहां से बिलासपुर या वाल्टेयर लाइन पर निकलती हैं। इसी ट्रैक पर सोमवार को दोपहर लगभग एक किमी मालगाड़ी पहुंची। मोहबाबाजार के पास मालगाड़ी के डिब्बे अचानक इंजन से अलग हो गए और इंजन आगे निकल गया। गनीमत थी कि मालगाड़ी ढाल के विपरीत चल रही थी, इसलिए डिब्बे रुक गए और पीछे भी नहीं लुढ़के। सोचकर देखिए कि दोनों ही स्थिति में बिना इंजन-ब्रेक के 50 से ज्यादा रैक एक साथ आगे या पीछे जाते, रफ्तार कंट्रोल में नहीं होती तो न जाने क्या कहर टूट सकता था। बहरहाल, इंजन के अलावा पूरी मालगाड़ी मोहबाबाजार पुल से कुछ दूर रुक गई और करीब एक घंटा खड़ी रही। रेलवे के इंजीनियर मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे बाद डिब्बों को इंजन से जोड़कर आगे बढ़ाया गया। इस मामले में रेलवे अफसर अभी चुप हैं, लेकिन जानकारों ने बताया कि इसी गाड़ी के कुछ दूर निकल गए, तब साफ हुआ कि पीछे मालगाड़ी के डिब्बे नहीं हैं। वही इंजन लौटे, फिर इंजीनियरों ने इसे जोड़ा और एक घंटे बाद मालगाड़ी फिर चल पड़ी। रेलवे इस घटना को सामान्य मान रहा है, लेकिन जानकारों का कहना है कि इंजन से अलग होने के बाद बोगियों में ब्रेक लगाने का कोई सिस्टम नहीं रहता है। सैकड़ों टन माल से लदे तकरीबन 50 रैक इंजन के अलग होने के बाद रुक गए। अगर ऐसी ढाल होती कि ये खुद आगे बढ़ने लगते, या ढाल की वजह से एक साथ पीछे लुढ़कने लगते तो सरोना और उरकुरा, दोनों ओर बड़ी घटना का खतरा हो सकता है। बहरहाल, ऐसा कुछ नहीं हुआ, रैक के रुक जाने के कारण किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन बताते हैं कि रेलवे अफसर इस सूचना से घबरा गए थे। पूरी घटना को लेकर द स्तंभ ने रेलवे पीआरओ शिव प्रसाद को शाम साढ़े 7 बजे काल किया, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो पाए।

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