सगे भाईयों ने डीडीनगर में तोड़े 8 घरों के ताले, बहन से यूपी में बिकवाई चोरी की ज्वेलरी, खरीदार सुनारों समेत पांच फंसे
क्राइम ब्रांच ने किया बड़े गैंग का भंडाफोड़, युवती समेत 3 आरोपी यूपी से लाए गए
राजधानी रायपुर के डीडीनगर इलाके में 8 मकानों में हुई चोरियों का खुलासा करते हुए रायपुर क्राइम ब्रांच ने ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसमें दो सगे भाई चोरी करते थे और जेवर इनकी बहन उत्तरप्रदेश के चंदौली में बिकवा देती थी। पुलिस ने तीनों सगे भाई-बहनों के साथ यूपी के दो सुनारों को भी गिरफ्तार किया है, जो चोरी के सोने-चांदी के गहने खरीद रहे थे। बहन-भाईयों से करीब 20 तोला सोना और दो किलो चांदी के जेवरों को मिलाकर करीब 17 लाख रुपए का माल बरामद कर लिया गया है।
डीडीनगर से लगातार मकानों में चोरियों की रिपोर्ट आने की वजह से एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने एएसपी डीआरपोर्ते और एएसपी क्राइम संदीप मित्तल समेत इलाके के अफसरों को चोर गिरोहों पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए थे। डीएसपी क्राइम ब्रांच संजय सिंह तथा सीएसपी राजेश देवांगन के साथ क्राइम ब्रांच प्रभारी परेश पांडेय और डीडीनगर थाने की टीमों ने पिछले एक माह में इलाके के हजारों सीसीटीवी फुटेज चेक किए। इसमें चोरी का एक ही पैटर्न नजर आया। इस पैटर्न को पुराने आरोपियों से मैच किया गया, तब पता चला कि सूरज सिंह और आशुतोष सिंह नाम के सगे भाई का पैटर्न भी यही है और दोनों पहले भी पकड़े जा चुके थे। दोनों की निगरानी की गई और मौका मिलते ही क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया।
बहन और भाई यूपी के, वहीं रहती है युवती
पूछताछ में सूरज और आशुतोष ने खुलासा किया कि चोरी के गहने यूपी के चंदौली में अपनी बहन अदिति सिंह के जरिए बिकवाते हैं। अदिति ने पूछताछ में चंदौली के सकलडीह बाजार के सराफा कारोबारी संजय जायसवाल और अरविंद वर्मा के यहां जेवर बेचने की जानकारी दी। इसके बाद तीनों बहन-भाईयों को जेल भेज दिया गया। तीनों बहन-भाइयों का गृहग्राम उत्तरप्रदेश के चंदौली में है और बहन अदिति शादीशुदा है तथा वहीं रहती है। पुलिस ने आशुतोष को फिर रिमांड पर लिया और फिर चंदौली ले जाकर दोनों दुकानदारों को दबोचा और गहने बरामद कर लिए। गुरुवार को अफसरों ने मीडिया को बताया कि चोरी के आरोप में गिरफ्तार दोनों भाईयों का क्रिमिनल रिकार्ड रहा है। दोनों के खिलाफ डीडी नगर, कबीर नगर एवं आमानाका थानों में चोरी, मारपीट एवं आबकारी एक्ट सहित एक दर्जन अपराध पहले से दर्ज हैं।